Tata Steel को मिला ACE Award 2025, सर्कुलर इकोनॉमी को अपनाने में दिखाया अनोखा नेतृत्व
जमशेदपुर – टाटा स्टील एक बार फिर पूरे देश के लिए गर्व का कारण बना है। इंडियन सर्कुलर इकोनॉमी फोरम (ICEF) ने टाटा स्टील को ACE Award 2025 से सम्मानित किया है। यह सम्मान “लार्ज एंटरप्राइज़” यानी बड़े उद्योगों की श्रेणी में दिया गया, जिसमें कंपनी के सस्टेनेबिलिटी और पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्ध प्रयासों को मान्यता मिली।
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यह अवॉर्ड दिल्ली एनसीआर के गुरुग्राम में आयोजित एक भव्य समारोह में टाटा स्टील की टीम को सौंपा गया। पुरस्कार लेने वालों में टाटा स्टील के बाय-प्रोडक्ट मैनेजमेंट डिवीजन के एक्जीक्यूटिव इनचार्ज दीपंकर दासगुप्ता, सीओएमएम अमित रंजन, और हेड ऑफ मार्केटिंग एंड बिज़नेस डेवलपमेंट, IBMD सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
क्या है सर्कुलर इकोनॉमी और इसमें टाटा स्टील की भूमिका?
सर्कुलर इकोनॉमी का मतलब है – संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना, बार-बार इस्तेमाल करना और कचरे को खत्म करना। टाटा स्टील इस सिद्धांत को अपने काम में बखूबी उतार रही है। खासकर लोहे और स्टील के उत्पादन में जो बाय-प्रोडक्ट्स (उत्पादन के दौरान बचा हुआ सामान) निकलते हैं, टाटा स्टील उन्हें फेंकने की बजाय उन्हें फिर से उपयोग में लाकर नई चीजें बनाती है।
इस कार्य के लिए कंपनी ने एक खास डिवीजन – इंडस्ट्रियल बाय-प्रोडक्ट मैनेजमेंट डिवीजन (IBMD) बनाया है, जो “शून्य अपशिष्ट” यानी Zero Waste के लक्ष्य पर काम कर रहा है।
सस्टेनेबिलिटी के लिए टाटा स्टील की खास नीति
टाटा स्टील सिर्फ मुनाफे पर नहीं, बल्कि पर्यावरण और भविष्य की चिंता करते हुए काम करती है। कंपनी की नीतियां स्पष्ट रूप से यह दिखाती हैं कि वह पर्यावरण की रक्षा को प्राथमिकता देती है। IBMD डिवीजन Reduce, Reuse और Recycle (3R) सिद्धांतों पर काम करता है।
साथ ही, Tata Group की “आलिंगन” पहल के तहत टाटा स्टील ने साल 2045 तक नेट ज़ीरो (Zero Carbon Emission) का लक्ष्य भी रखा है। इसका मतलब है कि कंपनी इतने पर्यावरणीय उपाय करेगी कि उसकी कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन शून्य के बराबर हो जाएगी।
क्यों मिला टाटा स्टील को यह अवॉर्ड?
टाटा स्टील को यह अवॉर्ड इसलिए दिया गया क्योंकि वह:
- उत्पादन में बचने वाले कचरे को दोबारा इस्तेमाल करती है,
- बड़े स्तर पर सर्कुलर इकोनॉमी को अपनाती है,
- पर्यावरण की रक्षा के लिए स्पष्ट और ठोस कदम उठा रही है,
- और दूसरे उद्योगों के लिए एक मिसाल बन गई है।
क्या बोले अधिकारी?
पुरस्कार समारोह के दौरान टाटा स्टील के अधिकारियों ने कहा कि यह सम्मान सिर्फ कंपनी के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए भी गर्व का विषय है। यह दिखाता है कि भारतीय कंपनियां भी पर्यावरण के लिए उतनी ही जिम्मेदार हो सकती हैं जितनी दुनिया की बड़ी कंपनियां।
निष्कर्ष:
टाटा स्टील का ACE अवॉर्ड जीतना न सिर्फ उद्योग जगत के लिए प्रेरणा है, बल्कि आम जनता के लिए भी एक संदेश है कि अगर हम चाहें तो पर्यावरण और व्यापार – दोनों को साथ लेकर चल सकते हैं। सस्टेनेबिलिटी सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि भविष्य की ज़रूरत है – और टाटा स्टील इस रास्ते पर सबसे आगे चल रही है।
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