जमशेदपुर, गोलमुरी: झारखंड आंदोलन के महानायक और पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन की खबर से पूरे राज्य में शोक की लहर फैल गई है। इसी क्रम में जमशेदपुर के एबीएम कॉलेज, गोलमुरी में एक भावभीनी शोकसभा का आयोजन किया गया, जहां कॉलेज के शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारियों ने मिलकर जननायक शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ विजय कुमार पीयूष, इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ मनोज साव, वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो. जेपी नारायण, प्रो. अनुपम दीन, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. बीपी महारथा, प्रो. ज्ञानती प्रसाद, सुनीता पात्रा, रतन गोराई, एम. जेड. खान समेत अन्य शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने बारी-बारी से पुष्प अर्पित कर झारखंड के इस महान सपूत को नमन किया।
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प्राचार्य डॉ विजय कुमार पीयूष ने सभा को संबोधित करते हुए कहा,
“शिबू सोरेन सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि झारखंड के लोगों के लिए उम्मीद और संघर्ष का प्रतीक थे। उन्होंने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनका निधन केवल झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के सामाजिक और राजनीतिक जीवन के लिए एक अपूरणीय क्षति है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता।”
उन्होंने आगे कहा कि दिशोम गुरु का जीवन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने आदिवासी समाज के अधिकारों और पहचान के लिए जो संघर्ष किया, वो हमेशा याद रखा जाएगा।
सभा में उपस्थित सभी लोगों की आंखें नम थीं, लेकिन सभी ने एक स्वर में कहा कि
“हम शिबू सोरेन के सपनों को जिंदा रखेंगे और उनके बताए रास्ते पर चलकर समाज की सेवा करेंगे।”
इस शोकसभा का आयोजन एक सकारात्मक संदेश भी दे गया—कि जब कोई सच्चा जननायक दुनिया छोड़ता है, तो लोग केवल दुखी नहीं होते, बल्कि उन्हें याद कर प्रेरणा भी लेते हैं।
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