रांची:झारखंड के दो शहरों ने साफ-सफाई के मामले में पूरे देश में अपना लोहा मनवाया है। जमशेदपुर और बुंडू ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में बेहतरीन काम किया, जिसके लिए इन्हें दिल्ली के विज्ञान भवन में एक खास कार्यक्रम के दौरान सम्मान मिला। ये काम सरकार, नगर निकाय और आम लोगों के मिलकर मेहनत करने का नतीजा है।
इस सम्मान समारोह में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर मौजूद थे। उन्होंने झारखंड के इन शहरों को स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए अच्छे कार्यों के लिए बधाई दी।
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जमशेदपुर को तीसरा स्थान और फाइव स्टार रैंकिंग
स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में जब देश के उन शहरों की जांच की गई जिनकी जनसंख्या 3 से 10 लाख के बीच है, तो जमशेदपुर ने अपने दम पर तीसरा नंबर पाया। शहर की सफाई और व्यवस्था इतनी अच्छी मिली कि राष्ट्रपति जी ने खुद स्टेज पर बुलाकर सम्मान दिया। इसके साथ ही जमशेदपुर को फाइव स्टार क्लीन सिटी का खिताब भी मिला है। यही नहीं, जमशेदपुर को वाटर प्लस शहरों की लिस्ट में भी रखा गया है, जिसका मतलब है कि यहां पानी से जुड़ी सफाई व्यवस्था भी बहुत अच्छी मानी गई है।
बुंडू को ‘प्रॉमिसिंग सिटी’ का सम्मान
राज्य के एक और छोटे शहर बुंडू को ‘प्रॉमिसिंग स्वच्छ शहर’ के रूप में सम्मानित किया गया। यह सम्मान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिया। यह दिखाता है कि झारखंड के छोटे शहर भी स्वच्छता के प्रति जागरूक हो रहे हैं और अच्छे प्रयास कर रहे हैं।
अन्य झारखंडी शहरों की रैंकिंग
- वन स्टार रैंकिंग: देवघर, जुगसलाई और चाकुलिया
- ओडीएफ प्लस प्लस शहर: बुंडू, चिरकुंडा, राजमहल, साहिबगंज, देवघर
- वाटर प्लस शहर: जमशेदपुर
झारखंड की स्वच्छता यात्रा
2016 में जब यह सर्वेक्षण शुरू हुआ, तब झारखंड की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। लेकिन 2017 से लगातार 2023 तक, राज्य ने स्वच्छता के क्षेत्र में सुधार करते हुए कई बार सम्मान प्राप्त किया। यह सब संभव हो सका है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार, अधिकारियों और सफाईकर्मियों की मेहनत से।
स्वच्छता अभियान की मुख्य बातें
- सभी नगर निकायों में बैठकें, कार्यशालाएं और अभियान चलाए गए
- हर घर से डोर-टू-डोर कचरा संग्रह की व्यवस्था की गई
- कचरे की अलग-अलग श्रेणी में छंटाई और प्रोसेसिंग को प्राथमिकता दी गई
- पीट कंपोस्टिंग और ऑनसाइट कंपोस्टिंग को बढ़ावा मिला
- रीसाइक्लिंग के लिए स्थानीय लोगों को जोड़ा गया
- सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक और कैरी बैग बैन किया गया
- स्वच्छता ऐप के जरिए लोगों की शिकायतों का तुरंत समाधान किया गया
सरकारी अधिकारियों का योगदान और बयान
सुनील कुमार (प्रधान सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग): उन्होंने सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री और जनता को दिया। साथ ही, अगले सर्वे में और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई।
सूरज कुमार (निदेशक, शहरी विकास अभिकरण): यह जमशेदपुर और बुंडू के लिए गर्व का क्षण है। सभी नगर निकायों और सफाई कर्मियों को बधाई दी।
निष्कर्ष
स्वच्छता सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि समाज को स्वस्थ और सम्मानजनक जीवन देने का माध्यम है। झारखंड के जमशेदपुर और बुंडू ने यह दिखा दिया कि जब सरकार और जनता एकजुट होकर काम करें, तो हर लक्ष्य संभव है। आने वाले वर्षों में अन्य शहरों को भी इस दिशा में प्रेरणा लेकर और मेहनत करनी चाहिए।
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