रांची: झारखंड की राजधानी रांची के लिए रेल नेटवर्क को और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। रक्षा राज्य मंत्री और रांची सांसद श्री संजय सेठ ने नई दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की और राज्य की जनता की लंबे समय से चली आ रही मांगों को उनके सामने रखा।
इस मुलाकात के दौरान श्री सेठ ने रांची लोकसभा क्षेत्र में 4200 करोड़ रुपये से ज्यादा की रेल परियोजनाओं को मंजूरी देने पर रेल मंत्री का आभार जताया। खासकर वर्षों से रुकी हुई सिल्ली-इलू रेल लाइन परियोजना को लेकर रेलवे द्वारा उठाए गए सकारात्मक कदमों के लिए उन्होंने धन्यवाद दिया।
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रांची को मिल सकती हैं नई सीधी ट्रेन सेवाएं
संजय सेठ ने रेल मंत्री से आग्रह किया कि रांची से देश के प्रमुख शहरों अहमदाबाद, जयपुर, ऋषिकेश और हरिद्वार के लिए सीधी ट्रेन सेवाएं शुरू की जाएं। उन्होंने बताया कि रांची न सिर्फ झारखंड की राजधानी है, बल्कि यहां से आसपास के कई जिलों और यहां तक कि छत्तीसगढ़, बिहार और ओड़िशा जैसे राज्यों के यात्री भी ट्रेन पकड़ते हैं।
अब भी रांची से इन बड़े शहरों के लिए सीधी ट्रेन नहीं है, जिससे विद्यार्थियों, मरीजों, नौकरीपेशा लोगों, व्यापारियों और पर्यटकों को काफी कठिनाई होती है। उन्हें बीच रास्ते में ट्रेन बदलनी पड़ती है या फिर लंबा समय लगता है। अगर रांची से सीधी ट्रेन मिलेगी तो हजारों लोगों को फायदा होगा।
लोकल यात्रियों के लिए भी की विशेष मांग
सिर्फ लंबी दूरी की ट्रेनों की ही नहीं, संजय सेठ ने रांची से सटे इलाकों जैसे सिल्ली, मुरी और हजारीबाग के लिए भी पैसेंजर और शटल ट्रेनों के परिचालन की मांग रखी। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों से रोजाना काम करने वाले, पढ़ाई करने वाले और इलाज के लिए आने वाले लोग बड़ी संख्या में आते-जाते हैं।
इन इलाकों से रांची तक आने-जाने के लिए अभी बहुत कम ट्रेनें चलती हैं। ऐसे में लोगों को मजबूरी में बसों का सहारा लेना पड़ता है या फिर प्राइवेट गाड़ी से सफर करना पड़ता है, जो महंगा भी होता है और असुविधाजनक भी। अगर इन रूटों पर पैसेंजर या शटल ट्रेनें शुरू होती हैं, तो लोगों को कम खर्च में आसान और सुरक्षित सफर करने का मौका मिलेगा।
रांची के रेल भविष्य की दिशा में बड़ा कदम
श्री सेठ की यह पहल रांची के रेल भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास मानी जा रही है। अगर उनके द्वारा की गई मांगों पर रेल मंत्रालय सकारात्मक निर्णय लेता है, तो झारखंड के हजारों लोगों को राहत मिलेगी और राज्य की राजधानी को देश के बड़े शहरों से जोड़ने की दिशा में एक मजबूत कड़ी जुड़ जाएगी।
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