झारखंड से अमेरिका तक फैला मानव तस्करी का जाल, झांसे में आकर गंवा दिए लाखों रुपये
हजारीबाग: झारखंड में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह ने लोगों को अमेरिका में नौकरी दिलाने का सपना दिखाकर करोड़ों रुपये ठग लिए। हजारीबाग जिले के टाटीझरिया थाना क्षेत्र के भराजो गांव निवासी सोनू कुमार की शिकायत पर इस पूरे मामले का खुलासा हुआ है।
🙏Don’t forget to explore them for more informative and latest updates!
अमेरिका भेजने का सपना और डरावना सच
सोनू कुमार ने 30 जुलाई को पुलिस में शिकायत दी कि गांव के ही उदय कुमार कुशवाहा (जो पिछले 45 सालों से अमेरिका में रह रहे हैं) ने उसे अमेरिका में अच्छी नौकरी दिलाने का लालच दिया। उदय ने सोनू को 2024 में ब्राजील भेजा, जहां से उसे डंकी रूट के जरिए अमेरिका पहुंचाने की योजना थी।
सोनू इस जाल में फंसा अकेला नहीं था
उसी गांव के विकास कुमार और पिंटू कुमार को भी अलग-अलग तारीखों में दिल्ली से ब्राजील भेजा गया था। वहां पहुंचने के बाद, तीनों को एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गैंग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद उन्हें खतरनाक रास्तों से छुपाकर जंगलों और नदियों के जरिए कई देशों से होकर ले जाया गया – जैसे ब्राजील, फिर बोलिविया, पेरू, कोलंबिया, इक्वाडोर, पनामा, कोस्टा रिका, होंडुरास और ग्वाटेमाला। इन रास्तों से होते हुए उन्हें अमेरिका की सीमा तक पहुंचाने की कोशिश की गई।
50 दिनों तक माफिया के कब्जे में, फिर डिपोर्ट
पीड़ित सोनू कुमार को माफिया ने लगभग 50 दिन तक अपने कब्जे में रखा। इस दौरान उदय कुमार अमेरिका से सोनू के पिता को कॉल करके पैसे मांगता रहा। गरीब पिता ने मजबूरी में अपनी जमीन बेचकर लगभग 45 लाख रुपये की रकम उदय कुमार के रिश्तेदारों को दे दी।
इसके बाद सोनू को मैक्सिको सिटी के रास्ते सैन डिएगो (अमेरिका बॉर्डर) भेजा गया। लेकिन वहां उसे अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ लिया और डिटेंशन सेंटर में डाल दिया, जहां वह चार महीने तक रहा। मार्च 2025 में उसे भारत वापस भेज दिया गया।
धमकी, गाली और फिर केस
घर लौटने के बाद जब सोनू ने अपनी रकम की मांग की तो उदय कुमार और उनके भाई चोहान प्रसाद ने गाली-गलौज की, मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। तब जाकर सोनू ने साहस जुटाकर थाने में लिखित शिकायत दी।
पुलिस ने मामला दर्ज किया और हजारीबाग एसपी के निर्देश पर विशेष छापेमारी टीम बनाई गई। इसके बाद उदय कुमार कुशवाहा, दर्शन प्रसाद, लालमोहन प्रसाद, चोहान प्रसाद और शंकर प्रसाद को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के हाथ लगे अहम सबूत
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से कई सबूत मिले हैं:
- उदय कुमार के पास से मिला मोबाइल जिसमें पीड़ित और उसके पिता के साथ चैट
- उसकी पत्नी के नाम के बैंक खातों में जमा पैसों की रसीदें
- एक नोटबुक जिसमें डंकी रूट से भेजे गए लोगों की लिस्ट और उनसे वसूली गई रकम दर्ज थी
- अन्य आरोपियों के पास से मिले मोबाइल फोन और लेन-देन के चैट स्क्रीनशॉट
अब तक भेजे गए लोग
अब तक की जांच में पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि इस गिरोह ने साल 2013 से 2022 के बीच करीब दर्जन भर लोगों को डंकी रूट के जरिए चोरी-छिपे अमेरिका भेजने का काम किया है।
- दिगंबर कुशवाहा (2018)
- राजकुमार कुशवाहा (2013)
साल 2022 में जिन लोगों को डंकी रूट से अमेरिका भेजा गया, उनमें नंदू कुमार, पप्पू कुमार, चन्दन कुमार, शंभू दयाल, पृथ्वी राज (जिसे सोनू नाम से भी जाना जाता है), संजय वर्मा, सुमन सौरभ प्रसाद और प्रवीण कुमार शामिल हैं।
- अरुण कुमार कुशवाहा, धीरज कुमार (2019)
अभी और गिरफ्तारियां बाकी
हजारीबाग पुलिस इस मामले को एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह से जोड़कर देख रही है। जांच जारी है और अन्य शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस की अपील
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी के भी झांसे में न आएं। यदि कोई विदेश में नौकरी दिलाने का लालच देकर मोटी रकम मांगता है, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। इस तरह की फर्जी योजनाएं जीवन और धन दोनों को खतरे में डाल सकती हैं।
निष्कर्ष:
इस पूरे मामले ने यह साफ कर दिया है कि विदेश में नौकरी का झांसा देकर किस तरह लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। इसलिए जागरूक रहें, सतर्क रहें और किसी भी लालच में फंसने से बचें।
इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपको कैसी लगी? अपने विचार और सुझाव हमारे साथ ज़रूर साझा करें ताकि हम भविष्य में और भी बेहतर और उपयोगी लेख आपके लिए ला सकें।
इस पोस्ट को अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना न भूलें, ताकि वे भी इस जानकारी का पूरा लाभ उठा सकें।
Jamshedpur की हर छोटी-बड़ी खबर सबसे पहले पढ़ने के लिए जुड़े रहें – Whatsapp पर!