गालूडीह (जमशेदपुर ग्रामीण):जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की छात्राएं मंगलवार को बड़ाखुर्शी पंचायत के दारिसाई और घुटिया सबर बस्ती पहुंचीं। इस दौरे का उद्देश्य वहाँ रहने वाले आदिम जनजाति “सबर समुदाय” की सामाजिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य स्थिति को जानना और उन्हें जागरूक करना था।
छात्राओं ने वहां लोगों से मिलकर उनके जीवन से जुड़ी कई अहम जानकारियां इकट्ठी कीं। उन्होंने घर-घर जाकर एक प्रश्नोत्तरी (सवाल-जवाब फॉर्म) के माध्यम से लोगों से बातचीत की और यह समझने की कोशिश की कि उनके पास आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड, जॉब कार्ड, और पेंशन योजना जैसी जरूरी सरकारी सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं।
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सर्वे के दौरान छात्राओं ने वहां के लोगों से बातचीत करते हुए उन्हें साफ-सफाई रखने, अच्छा खाना खाने और बच्चों को स्कूल भेजने की जरूरत के बारे में समझाया। उन्होंने बहुत ही सरल और अपनी भाषा में बताया कि अगर ये तीन बातें—स्वच्छता, सेहत और पढ़ाई—हमेशा ध्यान में रखी जाएं, तो परिवार का जीवन धीरे-धीरे बेहतर हो सकता है।
इस दौरे से छात्राओं को आदिवासी जीवन, उनकी कठिनाइयों और रोजमर्रा की ज़रूरतों को नजदीक से समझने का मौका मिला। उन्होंने यह भी महसूस किया कि कैसे सरकारी योजनाओं की जानकारी की कमी, लोगों को उसका लाभ मिलने से रोक रही है।
इस मौके पर पंचायत सचिव मानस पाल, सेविका दीपाली सिंह, सहिया पार्वती दास और वार्ड सदस्य सुशांत सिंह भी उपस्थित थे। उन्होंने छात्राओं की मदद करते हुए उन्हें गांव के लोगों से मिलने और बात करने में पूरा सहयोग दिया।
छात्राओं का यह प्रयास न सिर्फ उनके लिए एक शैक्षणिक अनुभव रहा, बल्कि इससे बस्ती के लोगों को भी लाभ मिला। कॉलेज के इस सामाजिक सरोकार से जुड़ी पहल ने यह साबित कर दिया कि शिक्षा का असली उद्देश्य समाज को जागरूक और मजबूत बनाना है।
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