जमशेदपुर: जमशेदपुर के टेल्को गुरुद्वारा में इस बार रैणसबाई कीर्तन दरबार का आयोजन एक बेहद खास अनुभव बन गया। यह कार्यक्रम आठवें सिख गुरु श्री गुरु हरकृष्ण साहिब जी के प्रकाश पर्व पर आयोजित किया गया था, जहां एक नन्ही बच्ची ने अपने मधुर कीर्तन से सभी की भावनाओं को छू लिया और माहौल को पूरी तरह भक्ति से भर दिया।
सिर्फ 7 साल की मायरा कौर भाटिया, जो कार्मेल जूनियर कॉलेज में दूसरी कक्षा की छात्रा हैं, ने जब पूरे विश्वास और भाव से कीर्तन किया, तो वहाँ मौजूद हर किसी का दिल छू लिया। सुर और ताल में डूबकर जब मायरा ने भक्ति गीत गाया और हारमोनियम बजाया, तो माहौल पूरी तरह भक्ति से भर गया और हर चेहरा शांत और भावुक हो उठा।
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मायरा, जो रामदास भट्टा, बिष्टुपुर की निवासी हैं, ने छोटी उम्र में ही सिख संगीत परंपरा और भक्ति के प्रति जो समर्पण दिखाया, वह प्रेरणादायक है। उनकी इस अद्भुत प्रस्तुति पर टेल्को गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया।
इस कार्यक्रम का आयोजन “हर की उस्तत” संस्था और टेल्को गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के संयुक्त प्रयास से किया गया था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और बच्चों की भागीदारी को भरपूर सराहना मिली।
समिति के एक सदस्य ने बताया कि बच्चों को सिख धर्म, संस्कृति और कीर्तन से जोड़ने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जाता है। इसी उद्देश्य से गुरुद्वारे में नियमित कीर्तन कक्षाएं भी चलाई जाती हैं, जहाँ बच्चे संगीत और भक्ति दोनों का अभ्यास करते हैं।
मायरा की प्रस्तुति सिर्फ एक गायन नहीं थी, वह एक संदेश था—कि भक्ति और कला में उम्र की कोई सीमा नहीं होती। ऐसी प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए समाज को लगातार सहयोग करना चाहिए, ताकि हमारी सांस्कृतिक परंपराएं अगली पीढ़ी तक जीवित और मजबूत बनी रहें।
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