जमशेदपुर:जमशेदपुर के समाहरणालय सभागार में जिले की प्रमुख सड़क और रेल परियोजनाओं में जमीन अधिग्रहण (भू-अर्जन) और मुआवजा भुगतान की स्थिति को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद ने की। यह बैठक उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देशानुसार बुलाई गई थी।
बैठक में जिले की कई अहम सड़क और पुल परियोजनाओं की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई। इनमें पिछली से कुदादा मार्ग, भागाबंदी से ओड़िशा सीमा तक नई सड़क, मानगो में स्वर्णरेखा नदी पर पुल निर्माण, बेगनाडीह से पोटका के बीच सड़क और ऊंचे पुल का निर्माण, धालभूमगढ़ एयरपोर्ट तक पहुंचने वाली सड़क, भुईयासिनान से सुसनी तक संपर्क मार्ग, फुलडुंगरी एनएच-33 से झांटीझरना तक सड़क मार्ग और किताडीह से बागबेड़ा रिंग रोड जैसी योजनाएं शामिल थीं। इन सभी योजनाओं की ज़मीन अधिग्रहण, मुआवजा भुगतान और निर्माण की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई।
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अपर उपायुक्त ने ज़ोर देकर कहा कि जिन इलाकों में ज़्यादा लोग या घर प्रभावित हो रहे हैं, वहां अंचल कार्यालय और पथ निर्माण विभाग मिलकर एक साथ सर्वे करें और यह तय करें कि वास्तव में कितने लोग प्रभावित हो रहे हैं। इससे सही और पारदर्शी आंकड़े सामने आ सकेंगे।
कैंप मोड में हल होंगे मुआवजा से जुड़े मामले:बैठक में यह भी तय हुआ कि जिन किसानों और ज़मीन मालिकों (रैयतों) को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है, उनके लिए “कैंप मोड” में समाधान निकाला जाएगा। इसका मतलब है कि अधिकारियों की टीम गांव या प्रभावित इलाकों में जाकर वहीं पर लोगों से दावा और आपत्ति लेगी, मौके पर ही सुनवाई करेगी और जल्दी से जल्दी मुआवजा भुगतान भी सुनिश्चित करेगी।
रैयतों के अधिकारों की होगी पूरी रक्षा:अपर उपायुक्त ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि हर परियोजना जनहित से जुड़ी है, लेकिन इसमें रैयतों के अधिकारों की पूरी तरह से रक्षा होनी चाहिए। उनका कहना था कि भू-अर्जन की प्रक्रिया में कोई जबरदस्ती न हो, बल्कि सहमति से और पारदर्शिता के साथ हर काम किया जाए।
निर्देशों में शामिल मुख्य बातें:
- जिन विकास परियोजनाओं से बड़ी संख्या में लोग या उनके घर प्रभावित हो रहे हैं, उन क्षेत्रों में ज़मीनी हकीकत का सही आकलन करने के लिए अंचल कार्यालय और निर्माण विभाग की संयुक्त टीम द्वारा मिलकर सर्वेक्षण किया जाएगा, ताकि सभी प्रभावितों की स्थिति को पारदर्शी और सटीक तरीके से समझा जा सके।
- मुआवजा मामलों की सुनवाई गांवों में ही की जाए।
- मौके पर सुनवाई कर तुरंत भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
- रैयतों की आपत्तियों का समाधान प्राथमिकता से किया जाए।
- सभी काम समय पर और पारदर्शी तरीके से पूरे किए जाएं।
बैठक में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी गुंजन सिन्हा, पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता दीपक सहाय, मानगो सीओ ब्रजेश श्रीवास्तव, पोटका सीओ निकिता बाला, बोड़ाम और डुमरिया के सीओ समेत कई अन्य विभागों के पदाधिकारी, कर्मचारी और अमीन शामिल थे।
निष्कर्ष
यह समीक्षा बैठक इस बात की दिशा में एक ठोस कदम है कि जमशेदपुर में चल रही सड़क, पुल और अन्य बड़ी परियोजनाएं बिना किसी देरी के पूरी हों, और जिनकी जमीनें ली गई हैं, उन्हें उचित और समय पर मुआवजा भी मिले। प्रशासन का यह प्रयास सराहनीय है कि वह जनहित और प्रभावित लोगों के अधिकारों – दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है।
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