अग्निकांड से सुरक्षा को लेकर शहर के प्रतिष्ठानों में किया गया जागरूकता अभ्यास
जमशेदपुर:शहर के अलग-अलग व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सोमवार को अग्नि सुरक्षा को लेकर मॉक ड्रिल (अभ्यास) और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। इसका मुख्य उद्देश्य था – आग लगने की आपात स्थिति में कैसे सुरक्षित बचा जाए और जान-माल की हानि को रोका जाए, इसकी जानकारी देना।
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यह मॉक ड्रिल कार्यक्रम अग्निकांड से निपटने की तैयारी और कर्मचारियों की सतर्कता बढ़ाने के लिए आयोजित किए गए। प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारियों को यह सिखाया गया कि अगर कभी आग लग जाए, तो सबसे पहले क्या करना चाहिए, कैसे बाहर निकलना है और किन बातों का ध्यान रखना है।
बिरसानगर स्थित एटीसी मैजेस्टिक में मॉक ड्रिल
इस प्रतिष्ठान में कर्मचारियों को सिखाया गया कि अगर आग लग जाए, तो सबसे पहले किन प्राथमिक उपायों को अपनाना चाहिए। उन्हें यह भी बताया गया कि सुरक्षित रास्ते से कैसे बाहर निकलें और खुद को तथा दूसरों को सुरक्षित कैसे रखें।
गोलमुरी के पूजा स्वीट्स रेस्तरां में प्रशिक्षण
यहां उपस्थित कर्मचारियों को अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) के इस्तेमाल का तरीका बताया गया। साथ ही यह भी सिखाया गया कि अलार्म सिस्टम कैसे काम करता है और उसे समय पर कैसे एक्टिव किया जाए। इसके अलावा, अग्नि सुरक्षा के सामान्य नियमों की भी जानकारी दी गई।
होटल गंगा रिजेंसी, साकची में मॉक अभ्यास
इस होटल में मॉक ड्रिल के जरिए टीम वर्क यानी समूह में समन्वय (co-ordination) पर विशेष ध्यान दिया गया। कर्मचारियों को दिखाया गया कि आग लगने की स्थिति में सभी मिलकर कैसे काम करें, सुरक्षित निकासी कैसे करें और आग पर शुरुआती नियंत्रण कैसे पाएं।
होटल जीवा, साकची में व्यावहारिक प्रशिक्षण
यहां कर्मचारियों को अग्निकांड जैसी स्थितियों से निपटने के लिए हाथों-हाथ प्रैक्टिकल (व्यावहारिक) प्रशिक्षण दिया गया। इसका मकसद था कि वे केवल सुनें नहीं, बल्कि खुद करके देखें कि ऐसी स्थिति में उन्हें क्या करना होगा।
अग्निशमन विभाग की भूमिका
अग्निशमन विभाग की टीम ने इन सभी स्थानों पर जाकर सुरक्षा उपायों की समीक्षा की और बताया कि कहां-कहां सुधार की जरूरत है। उन्होंने ऐसे सुझाव दिए जिससे भविष्य में सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।
निष्कर्ष
इस प्रकार के मॉक ड्रिल कार्यक्रम सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का एक जरूरी अभ्यास हैं। जब कर्मचारियों को यह पता होता है कि संकट के समय क्या करना है, तो वे खुद को, अपने साथियों को और ग्राहकों को सुरक्षित रख सकते हैं। जमशेदपुर जैसे बड़े औद्योगिक शहर में ऐसी पहल ना केवल सराहनीय है, बल्कि जरूरी भी है।
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