जमशेदपुर: सावन महीने की तीसरी सोमवार को शहर की जानी-मानी सामाजिक संस्था लोक समर्पण की ओर से महाभोग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन भालूबासा काली मंदिर के प्रांगण में हुआ, जिसमें हज़ारों श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और भक्ति के साथ हिस्सा लिया।
यह आयोजन दोपहर 1 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चला, जहां श्रद्धालुओं ने पहले भोलेनाथ को विधिपूर्वक भोग अर्पित किया और फिर प्रसाद के रूप में आशीर्वाद ग्रहण किया। इस धार्मिक अवसर पर आम जनों के साथ शहर के प्रतिष्ठित नेता, समाजसेवी और व्यापारिक वर्ग के लोग भी श्रद्धा से सम्मिलित हुए।
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भक्ति और सेवा का संगम बना आयोजन
मंदिर परिसर में बनाए गए विशाल बाबा बर्फानी की झांकी ने भक्तों को आकर्षित किया। दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी रहीं और वातावरण “हर-हर महादेव” के जयघोष से गूंजता रहा। लोग बड़ी श्रद्धा से पूजा-अर्चना कर रहे थे।
महाभोग वितरण के समय हर व्यक्ति की आंखों में श्रद्धा और चेहरे पर संतोष नजर आ रहा था। भोजन पूरी तरह सात्विक और भक्तों की आस्था के अनुरूप तैयार किया गया था।
संस्था की ओर से किया गया अतिथियों का स्वागत
कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे संस्था के अध्यक्ष ललित दास ने आने वाले अतिथियों का पारंपरिक तरीके से अंगवस्त्र देकर स्वागत किया। उन्होंने बताया कि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और हर वर्ष संस्था इस दिन भव्य महाभोग का आयोजन करती है।
उनके अनुसार,
“हमारा उद्देश्य सिर्फ प्रसाद बांटना नहीं, बल्कि भक्ति और भाईचारे का संदेश देना भी है।”
कार्यक्रम में शामिल हुए प्रमुख चेहरे
इस आयोजन में कई गणमान्य लोग शामिल हुए, जिनमें प्रमुख थे, अमरप्रीत सिंह काले (भाजपा प्रवक्ता), अजय साह, चंद्रशेखर मिश्रा, दिनेश कुमार, गुंजन यादव, संजय जयसवाल, राजीव जयसवाल, डॉ आरके अग्रवाल, कुलवंत सिंह बंटी, डॉ राजीव ठाकुर, जीवन साहु, सूरज सिंह, बबलू गोप और कई अन्य लोग.
साथ ही संस्था से जुड़े नीरज कुमार, अभिषेक अग्रवाल, ज्ञान सिंह चौहान, मिथिलेश साव, रूपेश साहू, धीरज कैवर्तो, सुभाष मुखी, देवाशीष पोद्दार जैसे अनेक कार्यकर्ता आयोजन को सफल बनाने में जुटे रहे।
सामाजिक समरसता की मिसाल
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इसमें हर जाति, धर्म और वर्ग के लोग शामिल हुए। न किसी को अलग किया गया, न किसी को विशेष माना गया। सभी ने एक साथ बैठकर भोजन किया, एक साथ पूजा की, और एक साथ भक्ति में डूबे।
ऐसे आयोजनों से यह साबित होता है कि समाज को जोड़ने के लिए भक्ति और सेवा सबसे बड़ा माध्यम हैं।
निष्कर्ष
जमशेदपुर में हुआ लोक समर्पण संस्था का यह महाभोग आयोजन न सिर्फ धार्मिक था, बल्कि समाज को एकजुट करने का भी प्रेरणादायक उदाहरण बन गया। आयोजकों की मेहनत और श्रद्धालुओं की सहभागिता ने इस दिन को यादगार बना दिया।
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