Jamshedpur Hindu Yuva Sena जलाभिषेक यात्रा : आस्था, एकता और शिवभक्ति का संगम
जमशेदपुर में सोमवार को एक बार फिर श्रद्धा और भक्ति की लहर दौड़ गई, जब हिन्दू युवा सेना ने लगातार तीसरे वर्ष सामूहिक जलाभिषेक यात्रा का आयोजन किया। इस धार्मिक यात्रा की शुरुआत सोनारी स्थित श्रीराम मंदिर से हुई, जिसमें करीब तीन हजार से अधिक महिला, पुरुष और बच्चे उत्साहपूर्वक शामिल हुए।
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यह आयोजन ना सिर्फ एक धार्मिक परंपरा का निर्वाह था, बल्कि समाज में एकता, संस्कृति और सनातन धर्म के मूल्यों को भी मजबूती से सामने लाने का माध्यम बना।
यात्रा का मार्ग और नेतृत्व
यह विशाल यात्रा हिन्दू युवा सेना के संस्थापक किशोर ओझा और संस्था अध्यक्ष मुरारी लहेरी के नेतृत्व में प्रारंभ हुई। यात्रा ने राम मंदिर, एरोड्रम, गुदरी बाजार, नर्स क्वार्टर, अटल चौक से होते हुए दोमुहानी तक का रास्ता तय किया।
पूरे मार्ग में हर हर महादेव, बोल बम, और जय श्रीराम के जयघोष से माहौल भक्तिमय बना रहा। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और युवा सभी ने श्रद्धा से जल कलश लेकर चलना सुनिश्चित किया।
प्रमुख लोगों की मौजूदगी
इस पावन यात्रा में जमशेदपुर पश्चिम के विधायक श्री सरयू राय, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा, विधायक प्रतिनिधि मुकुल मिश्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष अजय श्रीवास्तव, जिला महामंत्री संजीव सिंह, जिला संयोजक बिनोद सिंह, समाजसेवी निर्भय सिंह, बबला सिंह सहित संस्था के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे।
इन सभी ने भी पूरी यात्रा में भाग लिया और भक्तों के साथ मिलकर भक्ति और सेवा का परिचय दिया।
भोलेनाथ पर जलाभिषेक और भोग वितरण
यात्रा के अंत में श्रद्धालुओं ने श्रीराम मंदिर परिसर में भगवान शिव (भोलेनाथ) पर विधिपूर्वक जलाभिषेक किया। मंदिर परिसर में हर हर महादेव के नारे गूंजते रहे और वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक हो गया।
इसके पश्चात भोग वितरण की व्यवस्था की गई, जिसमें करीब 3500 लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। यह आयोजन रात 8 बजे तक चला, जिसमें किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं हुई और सभी ने शांतिपूर्वक प्रसाद पाया।
सांस्कृतिक एकता का संदेश
इस यात्रा ने केवल धार्मिक भावना ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता और सामाजिक सहयोग का भी संदेश दिया। हिंदू युवा सेना ने साबित कर दिया कि जब समाज के लोग एकजुट होकर किसी धार्मिक उद्देश्य के लिए कदम बढ़ाते हैं, तो उसका प्रभाव सकारात्मक और दूरगामी होता है।
यह यात्रा विशेष रूप से युवाओं के लिए प्रेरणा बनी, जो अपनी संस्कृति और धार्मिक परंपराओं से जुड़ाव महसूस कर रहे हैं।
निष्कर्ष: श्रद्धा और सेवा का सुंदर संगम
हिन्दू युवा सेना द्वारा आयोजित यह जलाभिषेक यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह समर्पण, अनुशासन और समाज में एकता के मूल्यों को बढ़ावा देने वाली पहल थी। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि आज भी लोग धर्म और संस्कृति को जीने में विश्वास रखते हैं और समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलाने का सामर्थ्य रखते हैं।
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