चाकुलिया (जमशेदपुर ग्रामीण):झारखंड के पूर्व विधायक और झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने घाटशिला अनुमंडल में अग्निशमन सेवाओं की कमी और खामियों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। इसी को लेकर उन्होंने सोमवार को होम गार्ड और अग्निशमन सेवा के महानिदेशक (DG) एमएस भाटिया से रांची में मुलाकात की और क्षेत्र की समस्याएं उनके सामने विस्तार से रखीं।
कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि घाटशिला अनुमंडल में मुख्य अग्निशमन केंद्र तो है, लेकिन वहां आज तक अपना एक स्थायी कार्यालय भी नहीं बन पाया है। यह केंद्र पूरे अनुमंडल के लिए सबसे जरूरी स्थान पर स्थित है, फिर भी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में घाटशिला और आस-पास के इलाकों में कई बहुमंजिला फ्लैट्स बने हैं, जहां अगर आग लगती है तो ऊपरी मंजिलों तक पहुंचने के लिए विशेष सीढ़ियों (हाइड्रोलिक लैडर) की जरूरत होती है, जो वहां मौजूद नहीं है।
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इसके अलावा बहरागोड़ा का अग्निशमन केंद्र भी खराब हालत में है। उसकी बिल्डिंग इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी दुर्घटना हो सकती है। गाड़ियां तो नई हैं, लेकिन उनमें पानी भरने के लिए बोरिंग की हालत बेहद खराब है, जिससे हर बार बाहर से पानी लाना पड़ता है। यह एक बड़ी समस्या है जो किसी आपात स्थिति में समय पर राहत कार्य को प्रभावित कर सकती है।
कुणाल षाड़ंगी ने DG भाटिया से चाकुलिया में एक नया अग्निशमन वाहन तैनात करने की भी मांग की। उन्होंने बताया कि बहरागोड़ा और चाकुलिया के बीच की दूरी अधिक होने के कारण अगर चाकुलिया में कोई हादसा होता है तो फायर ब्रिगेड के पहुंचने में काफी समय लग जाता है। ऐसे में एक अग्निशमन वाहन की वहां तैनाती से रिस्पॉन्स टाइम में कमी आएगी और जान-माल की रक्षा समय पर की जा सकेगी।
उन्होंने घाटशिला अनुमंडल के सभी स्कूलों और कॉलेजों में भी समय-समय पर फायर सेफ्टी ऑडिट करवाने की मांग रखी। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी शैक्षणिक संस्थानों में अग्निशमन यंत्र, गैस सिलिंडर जैसे जरूरी उपकरणों की जांच और उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत बचाव कार्य शुरू किया जा सके।
इस पर DG एमएस भाटिया ने भरोसा दिलाया कि इन सभी समस्याओं पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजना है कि हर प्रखंड में अग्निशमन केंद्र खोले जाएं और इसके लिए प्राथमिकता तथा बजट के अनुसार काम चल रहा है। घाटशिला अनुमंडल की जरूरतों को प्राथमिकता में शामिल किया जाएगा।
निष्कर्ष
कुणाल षाड़ंगी की यह पहल घाटशिला अनुमंडल में आग से संबंधित खतरों को कम करने और अग्निशमन सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक जरूरी कदम है। उम्मीद है कि सरकार और विभाग जल्द इन समस्याओं को दूर करके स्थानीय जनता को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराएंगे।
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