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Jamshedpur Bids Emotional Farewell To Dishom Guru: दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर झामुमो ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

On: August 7, 2025 9:26 AM
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जमशेदपुर:झारखंड के महान नेता, पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन की खबर ने पूरे राज्य को शोक में डुबो दिया है। इसी कड़ी में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) जमशेदपुर प्रखंड कमेटी ने परसुडीह कार्यालय में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर गुरुजी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

सभा में बड़ी संख्या में झामुमो के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए। सभी ने मोमबत्तियाँ जलाकर और पुष्प अर्पित कर गुरुजी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।सभा स्थल पर “शिबू सोरेन अमर रहें” के नारे गूंजते रहे। यह माहौल भावुक कर देने वाला था।

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इस मौके पर झामुमो प्रखंड अध्यक्ष पल्टन मुर्मू ने कहा,

“दिशोम गुरु शिबू सोरेन सिर्फ एक नेता नहीं थे, बल्कि झारखंड की आत्मा थे। उनका जाना केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक राजनीतिक युग का अंत है। उन्होंने न केवल आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की आवाज उठाई, बल्कि पूरे झारखंड के लिए संघर्ष किया।”

पल्टन मुर्मू ने आगे कहा कि शिबू सोरेन ने झारखंड को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जेल की यातनाएं भी सही, लेकिन अपने उद्देश्य से कभी पीछे नहीं हटे। आज जो हम सब आज़ाद झारखंड की सांसें ले रहे हैं, उसमें उनका बहुत बड़ा योगदान है।

इस श्रद्धांजलि सभा में कई अन्य प्रमुख नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। इनमें प्रमुख थे –

देबजीत मुखर्जी, मुखिया पानो मुर्मू, जगत मार्दी, मनोज नहा, पप्पू उपाध्याय, राइमत हांसदा, कौशल्या टुडू, अनिल मुंडा, गोकुल मरडी, उत्तम टुडू और कार्तिक महतो।

सभी ने मिलकर गुरुजी को याद किया और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

श्रद्धांजलि सभा के दौरान कई वक्ताओं ने मंच से अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन की सादगी, ईमानदारी और संघर्षशीलता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। वे सच्चे मायनों में झारखंड के जननायक थे।

गौरतलब है कि दिशोम गुरु का जीवन पूरी तरह जनसेवा और संघर्ष को समर्पित रहा। उन्होंने जमीन से जुड़े मुद्दों को संसद में उठाया और आदिवासियों की आवाज को राष्ट्रीय पटल पर रखा।

निष्कर्ष:

झारखंड मुक्ति मोर्चा की यह श्रद्धांजलि सभा सिर्फ एक रस्म नहीं थी, बल्कि यह गुरुजी के योगदान को नमन करने का एक भावनात्मक प्रयास था। उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी, और उनका संघर्ष हमें हर कदम पर प्रेरित करता रहेगा।

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