जमशेदपुर:जमशेदपुर के समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई। यह बैठक जिले में राजस्व संग्रहण की स्थिति की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी। बैठक के दौरान उपायुक्त ने साफ निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने सालाना लक्ष्य को हर हाल में पूरा करें और राजस्व संग्रहण को गंभीरता से लें।
उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली प्रशासनिक व्यवस्था का एक जरूरी हिस्सा है और इसके लिए आंतरिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल किया जाए। समीक्षा के दौरान पता चला कि राज्य कर विभाग के चारों सर्किल (अर्बन, जमशेदपुर, सिंहभूम और आदित्यपुर) ने अब तक औसतन सिर्फ 20 प्रतिशत ही राजस्व वसूली की है, जो काफी कम है।
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उपायुक्त ने कहा कि कर वसूली की प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाना जरूरी है। उन्होंने हेराफेरी, कर चोरी और अवैध छूट पर सख्त रोक लगाने के निर्देश दिए। इसके लिए करदाताओं का नियमित ऑडिट, जोखिम वाले व्यवसायों की पहचान, बकायेदारों पर कार्रवाई, फील्ड जांच, डेटा एनालिटिक्स से निगरानी और जीएसटी पोर्टल पर नियमित अपडेट जैसे उपाय करने को कहा गया।
उपायुक्त ने जिला खनन पदाधिकारी से यह भी कहा कि पिछले 4–5 सालों में मनरेगा वेंडरों से मिलने वाली रॉयल्टी की पूरी रिपोर्ट जल्द दें। साथ ही खनिज लाइसेंसधारकों के यहां सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगवाने के निर्देश दिए गए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
जब पंजीयन कार्यालयों की समीक्षा की गई, तो यह सामने आया कि घाटशिला और जमशेदपुर के सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों ने औसतन केवल 18 प्रतिशत ही राजस्व संग्रह किया है। उपायुक्त ने कहा कि सरकारी जमीनों की अवैध रजिस्ट्री पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए और रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।
जिला परिवहन कार्यालय ने अब तक 27 प्रतिशत और मोटरयान निरीक्षक ने 12 प्रतिशत राजस्व इकट्ठा किया है। नगर निकायों की बात करें तो जेएनएसी ने 18 प्रतिशत, मानगो नगर निगम ने 39 प्रतिशत और जुगसलाई नगर परिषद व चाकुलिया नगर पंचायत ने 37-37 प्रतिशत राजस्व संग्रह किया है।
बिजली विभाग के तीनों प्रमंडलों ने सालाना लक्ष्य के मुकाबले औसतन 32 प्रतिशत राजस्व जमा किया है। हालांकि जून माह में सभी विभागों ने अच्छा प्रदर्शन किया और 100 प्रतिशत से अधिक राजस्व संग्रह किया है। इनमें बिजली विभाग, परिवहन, कृषि, मत्स्य विभाग और नगर निकाय शामिल हैं।
उपायुक्त ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे तकनीकी साधनों और नियमित मॉनिटरिंग के ज़रिए राजस्व संग्रहण में तेजी लाएं और वार्षिक लक्ष्यों को पूरा करें। साथ ही उन बिंदुओं पर भी नजर रखें जहां से संभावित राजस्व नुकसान हो सकता है।
बैठक में सर्टिफिकेट मामलों की भी समीक्षा हुई। उपायुक्त ने कहा कि लंबित मामलों की नियमित जांच हो और वसूली योग्य रकम की कुर्की, वारंट, नीलामी या अन्य कानूनी कार्रवाई समय पर की जाए। सभी अंचलाधिकारी और सर्टिफिकेट ऑफिस को आदेश दिया गया कि हर लंबित मामले पर विशेष ध्यान दिया जाए।
बैठक में अपर उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी घाटशिला, जिला परिवहन पदाधिकारी, डीसीएलआर धालभूम, भू-अर्जन पदाधिकारी, खनन, विद्युत, राज्य कर समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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