जमशेदपुर (उलीडीह थाना क्षेत्र):26 जनवरी 2025 को डिमना बस्ती निवासी निर्मल प्रमाणिक उस समय परेशानी में पड़ गए, जब उनका मोबाइल फोन अचानक चोरी हो गया। मोबाइल चोरी की घटना के कुछ ही घंटों के भीतर, अज्ञात अपराधियों ने उनके बैंक खाते से ₹85,000 की अवैध निकासी कर ली। यह पैसा Paytm और PhonePe जैसे डिजिटल ऐप्स की मदद से निकाला गया, जिससे यह साफ है कि यह मामला केवल मोबाइल चोरी का नहीं, बल्कि एक साइबर ठगी का भी है।
कैसे हुआ फ्रॉड?
निर्मल प्रमाणिक का मोबाइल चोरी होने के बाद, चोरों ने मोबाइल में मौजूद फोन-पे ऐप का इस्तेमाल करते हुए उनके बैंक खाते को टारगेट किया। उन्होंने बताया कि यह ट्रांजैक्शन डिमना रोड स्थित केनरा बैंक शाखा के सामने से किया गया। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अपराधी पास ही के इलाके में हो सकते हैं या उन्होंने वहीं से इंटरनेट या नेटवर्क का उपयोग किया।
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पुलिस ने तुरंत शुरू की जांच
निर्मल ने जैसे ही इस साइबर ठगी की जानकारी पाई, उन्होंने तुरंत उलीडीह थाना में इसकी लिखित शिकायत दी। पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए साइबर अपराध और धोखाधड़ी की धाराओं में FIR दर्ज कर ली है।
थाना प्रभारी अभिषेक कुमार ने बताया कि तकनीकी जांच की जा रही है। बैंक से लेन-देन का रिकॉर्ड, मोबाइल ऐप्स से ट्रांजेक्शन डिटेल्स और मोबाइल की लोकेशन हिस्ट्री निकाली जा रही है, ताकि आरोपियों तक जल्द से जल्द पहुंचा जा सके।
सावधानी से बच सकते हैं बड़े नुकसान से
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि यदि कभी आपका मोबाइल चोरी हो जाए तो तुरंत नीचे दिए गए कदम उठाएं:
- फोन-पे, गूगल-पे, पेटीएम जैसे सभी डिजिटल ऐप्स को तुरंत ब्लॉक करें।
- अपनी बैंक शाखा को सूचित करें और अस्थायी रूप से अपने खाते को होल्ड पर डालें।
- साइबर क्राइम सेल या नजदीकी थाना में तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।
- अगर मोबाइल में पासवर्ड या पिन सेव हैं, तो तुरंत उन ऐप्स के पासवर्ड बदलें।
बढ़ते साइबर अपराधों से कैसे बचें?
आजकल स्मार्टफोन में हमारी पूरी जिंदगी होती है — बैंकिंग ऐप्स, डिजिटल वॉलेट, सोशल मीडिया, और पर्सनल फोटो तक। ऐसे में ज़रूरी है कि हम खुद को डिजिटल रूप से सतर्क और सुरक्षित रखें:
- मोबाइल लॉक को मजबूत बनाएं – केवल पिन या फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल करें।
- किसी भी ऐप में ऑटो लॉगिन ऑप्शन न रखें।
- बैंकिंग ऐप्स को खोलने के लिए अलग पासवर्ड रखें।
- मोबाइल चोरी होने पर सबसे पहले अपने Google या Apple अकाउंट से लॉगआउट करें।
निष्कर्ष:
यह घटना एक बड़ा संकेत है कि मोबाइल चोरी और साइबर फ्रॉड अब साथ-साथ चलने लगे हैं। एक सामान्य चोरी अब लाखों की चपत लगा सकती है अगर सतर्कता न बरती जाए। पुलिस की जांच जारी है और उम्मीद है कि आरोपी जल्द गिरफ्तार होंगे। आम लोगों को भी चाहिए कि वे ऐसे मामलों से सबक लें और डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
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