पोटका में भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस का धरना, लेकिन जिला अध्यक्ष ने बीच में ही रुकवाया, कार्यकर्ताओं में नाराजगी
जादूगोड़ा (जमशेदपुर ग्रामीण क्षेत्र) : पोटका में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के विरोध में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धरना शुरू किया था। लेकिन धरने को कांग्रेस जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे ने खुद मौके पर पहुंचकर रुकवा दिया। इस फैसले से कई कार्यकर्ता नाराज़ दिखे और अंदर ही अंदर इसे गलत भी बताया।
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कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई जा रही थी, तभी इसे रोकना जनता के बीच गलत संदेश देता है। इससे ऐसा लग सकता है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है। हालांकि, पार्टी के आदेश पर सभी कार्यकर्ताओं ने धरना समाप्त कर दिया।
क्यों किया गया था धरना?
पोटका में 11 करोड़ रुपये की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हो रहा है। लेकिन अब तक उसका उद्घाटन भी नहीं हुआ है और भवन में पहले से ही दरारें आ गई हैं। इससे लोगों में यह शक पैदा हुआ कि निर्माण कार्य में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार हुआ है। इसी को लेकर कांग्रेस नेताओं जयराम हांसदा और सौरभ चटर्जी के नेतृत्व में पोटका चौक पर एक दिन का धरना रखा गया था।
धरने में पार्टी कार्यकर्ताओं ने संवेदक (ठेकेदार) और अन्य जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की। बड़ी संख्या में लोग धरना स्थल पर मौजूद थे और प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा था।
जिला अध्यक्ष ने क्यों रुकवाया धरना?
जब इसकी जानकारी कांग्रेस जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे को मिली, तो वे खुद धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह मामला स्थानीय स्तर पर हल करने लायक नहीं है, इसलिए इसे प्रदेश अध्यक्ष के माध्यम से विभागीय मंत्री तक पहुंचाया जाएगा। वह इस विषय पर उच्चस्तरीय जांच की मांग करेंगे, ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो सके।
उनके कहने पर सभी कार्यकर्ताओं ने धरना समाप्त कर दिया। लेकिन इसके बाद भी कार्यकर्ताओं में नाराज़गी का माहौल बना रहा। कुछ लोगों ने कहा कि धरना रोकने से पार्टी की छवि कमजोर हुई है और यह जनता को अच्छा संकेत नहीं देता।
कौन-कौन थे शामिल?
धरने में कई प्रमुख कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता शामिल थे। इनमें सौरभ चटर्जी, जयराम हांसदा, सुबोध सिंह सरदार, सीताराम सोरेन, संजय पात्रो, प्रेम मुखी, गुरुचरण सीट, विष्णु लोहार सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। सभी का उद्देश्य था कि निर्माण में हुई गड़बड़ियों की जांच हो और जिम्मेदार लोगों को सजा मिले।
निष्कर्ष
पोटका में स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में गड़बड़ी के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध सही दिशा में था। लेकिन जिला नेतृत्व के हस्तक्षेप से धरना खत्म हो गया, जिससे कार्यकर्ताओं को निराशा हुई। हालांकि जिला अध्यक्ष ने भरोसा दिलाया है कि मामले की जांच उच्चस्तर पर करवाई जाएगी। अब देखना होगा कि वादे कितनी जल्दी ज़मीन पर उतरते हैं।
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