जमशेदपुर: झारखंड सरकार द्वारा ‘अटल मोहल्ला क्लीनिक’ का नाम बदलकर ‘मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लीनिक’ रखने के निर्णय पर भारतीय जनता पार्टी, जमशेदपुर महानगर ने तीखी आपत्ति जताई है। पार्टी ने इसे राष्ट्रनायकों का अपमान और तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है। भाजपा का आरोप है कि झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार केवल नाम बदलकर सस्ती लोकप्रियता बटोरने की कोशिश कर रही है।
यह झारखंड के निर्माता का अपमान है – सुधांशु ओझा
भाजपा जमशेदपुर महानगर के अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि यह फैसला झारखंड सरकार की संकीर्ण राजनीति और नीच स्तर की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी, झारखंड राज्य के निर्माता रहे हैं। उनकी दूरदर्शिता और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण ही वर्षों से चली आ रही अलग राज्य की मांग पूरी हो सकी थी।
🙏Don’t forget to explore them for more informative and latest updates!
ओझा ने कहा कि झारखंड की जनता अटल जी के ऐतिहासिक योगदान को कभी नहीं भुला सकती, लेकिन वर्तमान सरकार ऐसे महापुरुषों के नाम को योजनाओं से हटाकर राजनीतिक फायदे लेने की कोशिश कर रही है, जो बिल्कुल निंदनीय है।
क्या है अटल मोहल्ला क्लीनिक योजना?
ओझा ने बताया कि अटल मोहल्ला क्लीनिक योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने की थी। इस योजना का उद्देश्य था – गरीब इलाकों में रहने वाले लोगों को पास में ही इलाज की सुविधा देना। इन क्लीनिकों के जरिए गरीबों को सस्ती और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उनके मोहल्ले में ही मिलनी शुरू हुई थी।
नाम क्यों बदला गया, जब उद्देश्य जनहित था?
भाजपा ने सवाल उठाया कि अगर योजना का उद्देश्य जनता की भलाई है, तो उसका नाम बदलने की क्या जरूरत थी? पार्टी का कहना है कि सरकार को अगर नई योजना लानी है तो लाए, लेकिन पहले से चल रही सफल योजना का नाम बदलना राजनीति से प्रेरित कदम है।
ओझा ने कहा, “झारखंड सरकार के पास खुद की कोई ठोस योजना नहीं है। इसलिए ये सरकार भाजपा की योजनाओं के नाम बदलकर क्रेडिट लेने की कोशिश कर रही है। लेकिन जनता सब समझती है और भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।”
भाजपा की मांग – नाम बदलने के फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार
भाजपा ने साफ शब्दों में कहा कि अटल जी जैसे राष्ट्रपुरुषों का इस तरह अपमान झारखंड की जनता और पार्टी कभी भी स्वीकार नहीं करेगी। सुधांशु ओझा ने झारखंड सरकार से आग्रह किया है कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करे और राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर जनता के हित में काम करे।
इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपको कैसी लगी? अपने विचार और सुझाव हमारे साथ ज़रूर साझा करें ताकि हम भविष्य में और भी बेहतर और उपयोगी लेख आपके लिए ला सकें।
इस पोस्ट को अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना न भूलें, ताकि वे भी इस जानकारी का पूरा लाभ उठा सकें।
Jamshedpur की हर छोटी-बड़ी खबर सबसे पहले पढ़ने के लिए जुड़े रहें – Whatsapp पर!