जमशेदपुरः दो दिन से लापता युवती सुमित्रा प्रमाणिक का शव रविवार को बरामद कर लिया गया। यह शव बिरसानगर थाना क्षेत्र के हुरलुंग नदी के पास तैरता हुआ दिखाई दिया। सुमित्रा ने दो दिन पहले सोनारी थाना क्षेत्र के डोबो पुल से स्वर्णरेखा नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। तभी से पुलिस और गोताखोरों की टीम उसकी तलाश कर रही थी। आखिरकार रविवार को उसका शव हुरलुंग इलाके में नदी के बहाव में तैरता मिला।
स्थानीय लोगों ने नदी में एक शव को तैरते देखा, जिसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई। शव की पहचान सुमित्रा प्रमाणिक के रूप में की गई, जो डोबो पुल से छलांग लगाने के बाद से लापता थी।
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परिजनों ने भी शव की पहचान की पुष्टि की है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, ताकि मौत के सही कारण की पुष्टि हो सके। हालांकि अब तक की जानकारी के अनुसार मामला आत्महत्या का ही प्रतीत होता है।
घटना से परिवार में पसरा मातम
सुमित्रा प्रमाणिक की मौत से उसका पूरा परिवार सदमे में है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। किसी को भी यह उम्मीद नहीं थी कि सुमित्रा इस तरह का कदम उठाएगी। घटना ने इलाके के लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है।
क्या हुआ था दो दिन पहले?
मिली जानकारी के अनुसार, सुमित्रा कुछ दिनों से मानसिक रूप से परेशान थी। वह अचानक घर से निकल गई थी और डोबो पुल पर पहुंचकर नदी में छलांग लगा दी थी। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और गोताखोरों की टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था, लेकिन तेज बहाव और पानी के स्तर के कारण शव नहीं मिल पाया था।
पुलिस कर रही जांच
पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। हालांकि प्रारंभिक तौर पर यह आत्महत्या का मामला लगता है, लेकिन पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है कि कहीं किसी तरह की साजिश या दबाव की वजह से तो यह कदम नहीं उठाया गया।
जनता से अपील:
पुलिस और प्रशासन की ओर से भी जनता से अपील की गई है कि यदि किसी को भी अपने आस-पास मानसिक तनाव से जूझते हुए कोई व्यक्ति दिखे तो तुरंत परिवार या प्रशासन को इसकी जानकारी दें। कई बार छोटी-छोटी समस्याएं भी जीवन पर भारी पड़ जाती हैं। जरूरत है संवाद की, सहारे की और सही समय पर मदद की।
निष्कर्ष:
यह घटना एक बार फिर सोचने पर मजबूर करती है कि मानसिक तनाव कितनी बड़ी समस्या बनती जा रही है। हमें एक-दूसरे की मदद करनी होगी, ताकि कोई व्यक्ति अकेलेपन में ऐसा खतरनाक फैसला न ले।
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