जमशेदपुर में निकली भक्तिमय कांवड़ यात्रा, शिवभक्ति में डूबा शहर
जमशेदपुर में सावन की पहली रविवार को एक अद्भुत और श्रद्धा से भरी कांवड़ यात्रा का आयोजन हुआ, जिसने पूरे शहर को भोले बाबा की भक्ति में डुबो दिया। साकची बाजार श्री शिव मंदिर कमिटी द्वारा आयोजित इस यात्रा में 801 कांवड़ियों सहित कुल 1100 से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। बोलबम और हर हर महादेव के गगनभेदी जयकारों से सारा इलाका गूंज उठा।
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कांवड़ यात्रा का शुभारंभ और रूट
यात्रा की शुरुआत मानगो स्थित स्वर्णरेखा नदी से जल उठाने के साथ हुई। श्रद्धालु वहां विधिवत संकल्प पूजा करके जल भरकर पैदल यात्रा पर निकले। यह यात्रा लगभग ढाई किलोमीटर लंबी रही, जो पुराना कोर्ट रोड, साकची गोलचक्कर, मेडिकल लाइन और मानसरोवर होटल रोड होते हुए साकची श्री श्री शिव मंदिर पहुंची। यात्रा के दौरान भक्तों ने डमरू की थाप, बम-बम भोले के नारों और भक्ति गीतों से पूरे माहौल को अलौकिक बना दिया।
झांकी बनी आकर्षण का केंद्र
इस वर्ष की यात्रा में सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया ‘शिव परिवार’ और ‘भूत-प्रेत’ की विशेष झांकी ने। यह झांकी बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं के बीच खास चर्चा का विषय रही। लोग इस झांकी के साथ सेल्फी लेते दिखे और इसे अपने मोबाइल कैमरे में कैद करते रहे।
शिव मंदिर में जलाभिषेक और विशेष पूजा
यात्रा के समापन पर सभी भक्त साकची स्थित श्री श्री शिव मंदिर पहुंचे, जहां कतारबद्ध होकर उन्होंने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। इसके बाद महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें लगभग 1500 से अधिक लोगों ने भाग लिया और प्रसाद ग्रहण किया।
सहस्त्रघट जलाभिषेक ने बढ़ाया भक्ति भाव
साकची शिव मंदिर परिसर में शनिवार को शिवभक्तों ने सहस्त्रघट जलाभिषेक किया, जिसे सुभाष-उमेश शाह परिवार ने आयोजित किया। सुबह 10 बजे से शिवपूजन शुरू हुआ और दोपहर 1 बजे से हजार कलशों से जलाभिषेक किया गया। इसके बाद शाम को शिवजी का विशेष श्रृंगार हुआ, जिसमें फूलों की सुंदर लड़ियों से मंदिर को सजाया गया। महाआरती के बाद सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
पूरे दिन “ॐ नमः शिवाय”, “जय जय भोलेनाथ” और “हर हर महादेव” के मंत्रों से मंदिर परिसर भक्तिमय बना रहा।
आयोजन की सफलता में इनका रहा योगदान
इस आयोजन को सफल बनाने में मंदिर कमिटी के अध्यक्ष गिरधारी लाल खेमका सहित कमलेश कुमार चौधरी, मोहित शाह, आशीष खन्ना, नरेश अग्रवाल, सुभाष शाह, विमल रिंगसिया, उमेश शाह, मनोज कुमार अग्रवाल, प्रमोद खन्ना, विवेक चौधरी, सुशील अग्रवाल, कमल सिंघल, शंकर लाल अग्रवाल, नरेश कुमार सिंघानिया, विनोद शाह और निशा सिंघल सहित कई लोगों का अहम योगदान रहा। इन सभी ने मिलकर व्यवस्था, सुरक्षा, प्रसाद और साफ-सफाई का बेहतरीन समन्वय किया।
निष्कर्ष
जमशेदपुर की यह कांवड़ यात्रा ना सिर्फ धार्मिक भावनाओं का प्रतीक बनी, बल्कि सामाजिक समरसता और एकता का भी सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने पूरी श्रद्धा और अनुशासन के साथ भाग लेकर इस आयोजन को यादगार बना दिया। भूत-प्रेत की झांकी ने जहां आकर्षण बढ़ाया, वहीं शिवलिंग पर जलाभिषेक से भक्तों को आत्मिक शांति मिली।
इस तरह के आयोजन समाज को जोड़ते हैं, संस्कृति से परिचित कराते हैं और नई पीढ़ी को आध्यात्मिक मार्ग दिखाते हैं।
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