जमशेदपुर, 3 अगस्त 2025:महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जमशेदपुर में एक बेहद सराहनीय और प्रेरणादायक पहल की गई। अभया बनर्जी फाउंडेशन (ABF) ने 76 महिलाओं को सिलाई और कॉस्मेटिक्स जैसे उपयोगी कौशल का प्रशिक्षण देकर उन्हें एक नई राह दिखाई है। चार महीने तक चले इस निःशुल्क क्रैश कोर्स के सफल समापन पर सभी महिलाओं को प्रमाण पत्र (Certificate) प्रदान किए गए।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आरएमएस बालीचेला परिसर में आयोजित किया गया था, जिसमें आरएमएस संस्था का सक्रिय सहयोग रहा। इस कोर्स के माध्यम से महिलाओं ने कपड़े सिलना, ब्यूटी और कॉस्मेटिक्स से जुड़ी जरूरी बातें, और ग्राहकों से जुड़ने के तरीके जैसे व्यावहारिक ज्ञान सीखे। यह सीख उन्हें आगे चलकर स्वरोजगार में मदद करेगी।
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समापन समारोह की मुख्य बातें
रविवार को आयोजित समापन समारोह में कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान किया गया। इस मौके पर ABF के संस्थापक डॉ. जाहर बनर्जी, रीता मुखर्जी, बरनाली दास, गणेश राव, तथा आरएमएस संस्था से आरके झुनझुनवाला, एसएस गादिया, मनीष जैन, शशिकला गादिया, और प्राचार्या प्रतिमा सिन्हा भी मौजूद रहीं।
सभी अतिथियों ने प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं का तहेदिल से साहस और मेहनत के लिए सम्मान किया, और उन्हें आगे चलकर खुद का छोटा व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी पहलों से समाज में महिलाओं की स्थिति मजबूत होती है और वे परिवार की आर्थिक मजबूती में सक्रिय भागीदार बन पाती हैं।
मंच संचालन और माहौल
कार्यक्रम का संचालन वंदना जैन ने किया, जिन्होंने पूरे समारोह को भावनात्मक और प्रेरणादायक रूप दिया। महिलाओं के चेहरे पर आत्मविश्वास साफ दिख रहा था। कुछ प्रतिभागियों ने मंच पर आकर अपनी सीख और अनुभव साझा किए, जिससे यह साफ जाहिर हुआ कि यह प्रशिक्षण उनके जीवन में बदलाव ला रहा है।
क्यों है यह पहल खास?
इस कोर्स की खास बात यह है कि इसमें किसी भी तरह की फीस नहीं ली गई, और हर महिला को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के साथ-साथ आत्मविश्वास और समाज में अपनी पहचान बनाने की प्रेरणा भी मिली।
महिलाओं ने बताया कि इस कोर्स के बाद उन्हें ऐसा लग रहा है जैसे अब वे कुछ कर सकती हैं — खुद के लिए, अपने बच्चों के लिए और अपने परिवार के लिए।
निष्कर्ष
अभया बनर्जी फाउंडेशन और आरएमएस की यह पहल एक मिसाल बन रही है, जो दिखाती है कि अगर सही दिशा और प्रशिक्षण मिले तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफलता पा सकती हैं। ऐसे कार्यक्रम सिर्फ कौशल नहीं सिखाते, बल्कि खुद पर भरोसा करना भी सिखाते हैं।
जमशेदपुर की ये 76 महिलाएं अब अपने जीवन की एक नई शुरुआत कर रही हैं – आत्मनिर्भरता और सम्मान के रास्ते पर।
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