चाकुलिया:श्रावण मास के इस पवित्र महीने में चाकुलिया से बाबा धाम (बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर) की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं का पहला जत्था शनिवार को रवाना हो गया। कांवरियों ने अपने इस धार्मिक सफर की शुरुआत स्थानीय नागानल मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना से की। पूजा का आयोजन मंदिर के पुजारी विश्वनाथ पति ने करवाया, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से हिस्सा लिया।
पूजा के बाद, कांवरियों का यह दल वाहन से सुल्तानगंज (बिहार) के लिए रवाना हुआ। सुल्तानगंज वह जगह है जहां से गंगाजल लेकर कांवरिये पैदल यात्रा शुरू करते हैं और देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर पहुंचकर जल अर्पण करते हैं।
🙏Don’t forget to explore them for more informative and latest updates!
इस जत्थे में कई श्रद्धालु शामिल थे, जिनमें प्रमुख रूप से अमृत पाणिग्रही, महादेव महतो, संतु नायक, अनुराग रंजन, अमन कुमार और अभिषेक कुमार शामिल हैं। ये सभी कांवरिया भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था और प्रेम को दिखाने के लिए इस कठिन यात्रा पर निकले हैं।
श्रावण मास में बाबा धाम यात्रा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं और सच्चे मन से की गई पूजा का फल जरूर देते हैं। कांवरिये सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर जल चढ़ाते हैं, जिससे उनकी भक्ति और समर्पण का अद्भुत उदाहरण देखने को मिलता है।
स्थानीय लोगों ने कांवरियों को विदाई दी और उनकी यात्रा के सफल और सुरक्षित रहने की कामना की। नगर पंचायत क्षेत्र में यह एक प्रेरणादायक धार्मिक वातावरण बनाता है, जिससे युवाओं और बच्चों में भी धार्मिक संस्कारों के प्रति जागरूकता बढ़ती है।
कांवरियों का यह जत्था अब सुल्तानगंज पहुंचकर गंगाजल लेगा और फिर पैदल चलकर देवघर में बाबा को जल अर्पण करेगा। यह यात्रा केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि आस्था, समर्पण और एकता का प्रतीक भी है, जो समाज में भाईचारा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपको कैसी लगी? अपने विचार और सुझाव हमारे साथ ज़रूर साझा करें ताकि हम भविष्य में और भी बेहतर और उपयोगी लेख आपके लिए ला सकें।
इस पोस्ट को अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना न भूलें, ताकि वे भी इस जानकारी का पूरा लाभ उठा सकें।
Jamshedpur की हर छोटी-बड़ी खबर सबसे पहले पढ़ने के लिए जुड़े रहें – Whatsapp पर!