जमशेदपुर: परसुडीह कृषि बाजार समिति के दुकानदारों के बीच उस वक्त गुस्से की लहर दौड़ गई जब बाजार समिति द्वारा दुकान और गोदाम के पट्टों के नवीकरण (Renewal) को लेकर एक निर्देश जारी किया गया। इस फैसले के खिलाफ सभी व्यापारियों ने एक आपात बैठक की, जो सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के तत्वावधान में आयोजित हुई।
बैठक की अध्यक्षता चैंबर के उपाध्यक्ष अनिल मोदी ने की, जिसमें व्यापारियों ने एकमत होकर यह निर्णय लिया कि वे दुकान और गोदामों का नवीकरण नहीं कराएंगे।
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क्यों भड़के व्यापारी?
व्यापारियों का कहना है कि कृषि मंडी में पहले से ही मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है — सड़कें टूटी हुई हैं, पानी की सुविधा नहीं है, सुरक्षा के इंतजाम नाममात्र के हैं और दुकानें-गोदाम जर्जर हालत में हैं। ऐसे में जब सरकार ने नवीकरण का फरमान भेजा, तो यह व्यापारियों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा महसूस हुआ।
अनिल मोदी ने कहा कि व्यापारी पहले से ही ऑनलाइन व्यापार के कारण आर्थिक दबाव में हैं और अब सरकार का यह कदम उनके लिए और परेशानी खड़ी कर रहा है।
क्या है नवीकरण आदेश में?
बाजार समिति की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि प्रत्येक 11 महीने पर दुकानों और गोदामों का नवीकरण किया जाएगा। व्यापारियों ने इस नियम को “अतार्किक” बताया और कहा कि यह पहले कभी लागू नहीं हुआ था। कुछ व्यापारी तो पिछले 50 से 60 वर्षों से वहां कारोबार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें ऐसा कोई नोटिस कभी नहीं मिला।
बिना सहमति कैसे लिया गया निर्णय?
व्यापार मंडल के अध्यक्ष दीपक भालोटिया ने कहा कि राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने कब यह फैसला लिया, इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। व्यापारियों को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई, न ही कोई प्रति साझा की गई। उन्होंने सवाल उठाया कि जब दुकानें पहले से ही कानूनी रूप से आवंटित हैं, तो अचानक नवीकरण की बात समझ से बाहर है।
व्यापारी एकजुट, सरकार से करेंगे बात
बैठक में तय हुआ कि व्यापारी एक प्रतिनिधिमंडल बनाकर रांची जाएंगे और वहां कृषि मंत्री एवं मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे। अगर सरकार व्यापारियों की समस्याएं नहीं समझती और नवीकरण का दबाव बनाती है, तो राज्यभर के व्यापारी लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज कराएंगे।
बैठक में किन-किन ने रखी बात?
बैठक को उपाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, पुनीत कांवटिया, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सचिव भरत मकानी, अंशुल रिंगसिया और व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष पवन नरेडी सहित कई व्यापारियों ने संबोधित किया। इस दौरान मुख्य रूप से दिलीप अग्रवाल पप्पू, रौनक सिंह, कन्हैयालाल नरेडी, विजय अग्रवाल, सुरेश अग्रवाल, राकेश गुप्ता, चन्द्रप्रकाश शुक्ला, गणेश भालोटिया, आशीष शर्मा और अरविंद गुप्ता समेत दर्जनों व्यापारी उपस्थित थे।
निष्कर्ष
जमशेदपुर की कृषि मंडी में व्यापारी पहले से ही कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में बिना संवाद और सहमति के नवीकरण का फरमान उनकी मुश्किलों को और बढ़ा सकता है। व्यापारियों की मांग साफ है – सरकार पहले पारदर्शिता के साथ स्थिति स्पष्ट करे, और उनकी सहमति के बिना कोई कदम न उठाए।
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