जमशेदपुर:भादो के हरियाले मौसम में जब फिज़ा में हरियाली घुली हो और चारों तरफ सावन का जादू छाया हो, ऐसे में अगर जमशेदपुर की महिलाएं एक साथ मिलकर जश्न मनाएं तो माहौल खुद-ब-खुद खास बन जाता है। कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला भालुबासा स्थित एक होटल में, जहां महिला शक्ति संघ की ओर से सावन मिलन उत्सव का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम की अगुवाई मौसमी सिन्हा ने की, और मुख्य अतिथि के रूप में जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा दास साहू शामिल रहीं। महिला शक्ति संघ की सभी सदस्याओं ने फूलों से उनका जोरदार स्वागत किया, जिससे माहौल और भी सुंदर बन गया।
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इस मौके पर करीब 70 महिलाओं ने हिस्सा लिया। इनमें शंपा, नंदिनी, भानु, ललिता, तृप्ति, रुमकी, बबली, रेणुका, लाखी, सुतपा, अपर्णा, भानु रामजी, रिंकू शिल्पी, सुजाता, रीमा, शिखा, सुष्मिता, रंजना, लता, पुष्पा, दिशानी, अहोना और अनुष्का जैसी महिलाएं खास तौर पर मौजूद रहीं।
उत्सव में रही मस्ती और रचनात्मकता की छटा
कार्यक्रम की सजावट से लेकर एक्टिविटी तक सबकुछ बेहद रचनात्मक और मनोरंजक था। महिला शक्ति संघ ने मिलकर इसे एक यादगार अनुभव बना दिया। म्यूजिक की धुन पर डांस, गिटार पर सुरों की बौछार, और महिलाओं की रैंप वॉक ने पूरे माहौल को खुशनुमा बना दिया।
हर महिला ने पारंपरिक और आकर्षक परिधान पहन रखे थे, जिससे सावन का रंग और भी गहरा लग रहा था। खासकर रैंप वॉक में महिलाओं ने आत्मविश्वास से भरपूर प्रदर्शन किया, जो दर्शकों को बहुत पसंद आया।
प्रतियोगिताएं और विजेता महिलाएं
- कार्यक्रम में लॉटरी और प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिसमें सभी महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
- सावन क्वीन का ताज श्रीमती कविता घोष को मिला।
- बेस्ट रैंप वॉक का खिताब मौसमी सिन्हा को मिला।
- वहीं बेस्ट गेटअप के लिए प्रीति पंडित को चुना गया।
इन विजेताओं को संघ की ओर से पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया, जिससे सभी महिलाओं के चेहरे खिल उठे।
सामाजिक एकता और महिला सशक्तिकरण की मिसाल
यह कार्यक्रम सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें महिला एकता और सशक्तिकरण का संदेश भी साफ नजर आया। एक ओर जहां महिलाएं अपने व्यस्त जीवन से थोड़ा वक्त निकालकर एक-दूसरे से जुड़ीं, वहीं दूसरी ओर इसने यह भी साबित कर दिया कि आज की महिलाएं हर क्षेत्र में सक्रिय और संगठित हैं।
निष्कर्ष
सावन के इस रंगीन मिलन में महिलाओं ने न सिर्फ त्योहार का आनंद लिया बल्कि एक-दूसरे से जुड़कर समाज में महिला सशक्तिकरण की प्रेरणा भी दी। ऐसे आयोजनों से न केवल आपसी संबंध मजबूत होते हैं, बल्कि यह साबित करता है कि जब महिलाएं साथ आती हैं, तो हर आयोजन खास बन जाता है।
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