झारखंड के विकास की आत्मा है सिंहभूम चैम्बर : राज्यपाल संतोष गंगवार का स्पष्ट संदेश
जमशेदपुर, 26 जुलाई — सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्लेटिनम जुबिली समारोह के दौरान झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष गंगवार ने अपने व्याख्यान में स्पष्ट शब्दों में कहा कि “सिंहभूम चैम्बर झारखंड के औद्योगिक इतिहास की आत्मा रहा है और इसकी भूमिका राज्य की दिशा और दशा तय करने में अहम रही है।” कार्यक्रम का आयोजन चैम्बर भवन, बिष्टुपुर में किया गया जहां उद्योग जगत से जुड़ी तमाम प्रतिष्ठित हस्तियों की मौजूदगी रही।
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कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल के साथ अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष राजीव अग्रवाल और कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया ने दीप प्रज्वलन कर की। समारोह का उद्देश्य चैम्बर की 75 वर्षों की यात्रा को सम्मानित करना और राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श करना था।
झारखंड से संसाधन जा रहे, लेकिन विकास रुका हुआ है
अपने भाषण में चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर है, लेकिन आज भी विकास की उम्मीदें अधूरी हैं। उन्होंने यह भी चिंता जताई कि झारखंड की पूंजी और श्रमशक्ति का उपयोग दूसरे राज्यों में हो रहा है, लेकिन झारखंड खुद पिछड़ रहा है।
उन्होंने राज्य में एयरपोर्ट, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, उच्च शिक्षा संस्थान और पर्यटन विकास की जरूरतों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “अगर जमशेदपुर जैसे शहर में आज भी एयरपोर्ट नहीं है, तो यह चिंता का विषय है।”
राज्यपाल ने क्या कहा?
राज्यपाल श्री गंगवार ने कार्यक्रम में चैम्बर की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था न केवल कोल्हान बल्कि पूरे राज्य के विकास में भागीदार रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को केवल दोष देने से समाधान नहीं होगा, हमें खुद को काबिल बनाना होगा और झारखंड के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना होगा।
उन्होंने टाटा समूह की दूरदृष्टि की प्रशंसा करते हुए कहा कि टाटा ने इस शहर को न केवल औद्योगिक रूप से, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास में भी अग्रणी बनाया है।
पर्यटन, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर फोकस की जरूरत
राज्यपाल ने कहा कि झारखंड के पहाड़ी और हरित क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने किरीबुरु जैसे क्षेत्रों को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने पर सहमति जताई।
साथ ही उन्होंने उच्च शिक्षा की दुर्दशा पर चिंता जताई और कहा कि चैम्बर को इस दिशा में भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने महिला सशक्तिकरण, युवाओं के लिए रोजगार, और सामाजिक जिम्मेदारी के कार्यों में भी चैम्बर से भागीदारी की अपेक्षा जताई।
पूर्व अध्यक्षों और सदस्यों ने क्या कहा?
पूर्व अध्यक्ष मुरलीधर केडिया ने किरीबुरु को “हिल स्टेशन” के रूप में विकसित करने की मांग रखी। वहीं, अन्य सदस्यों जैसे एके श्रीवास्तव और संदीप मुरारका ने भी विचार साझा किए। मंच का संचालन महासचिव मानव केडिया ने किया और उपाध्यक्ष अनिल मोदी व पुनीत कांवटिया ने राज्यपाल का सम्मान करते हुए धन्यवाद ज्ञापन दिया।
व्यापक भागीदारी
इस समारोह में सैकड़ों उद्यमी, व्यवसायी, और सामाजिक प्रतिनिधि शामिल हुए। जिनमें पूर्व अध्यक्ष, सचिव, उपाध्यक्ष सहित कई वरिष्ठ सदस्य और उद्योग जगत की जानी-मानी हस्तियां मौजूद थीं।
निष्कर्ष
सिंहभूम चैम्बर का यह प्लेटिनम जुबिली समारोह सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि झारखंड के आर्थिक और सामाजिक विकास की संभावनाओं पर गंभीर संवाद का अवसर भी था। राज्यपाल का संदेश साफ था — सरकार के साथ-साथ समाज और उद्योग को भी जिम्मेदारी लेनी होगी। तभी झारखंड वास्तव में समृद्ध और आत्मनिर्भर बन पाएगा।
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