जमशेदपुर : बाबा बैद्यनाथ सेवा संघ की ओर से इस वर्ष आयोजित नि:शुल्क कांवर यात्रा एक ऐतिहासिक और भावनात्मक दृश्य लेकर आई, जब 1000 श्रद्धालुओं का विशाल जत्था गेरुआ वस्त्र पहनकर “बोल बम” के जयकारों के साथ सुल्तानगंज के लिए रवाना हुआ। यह यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था, सेवा और संगठन की मिसाल बन गई है।
कांवर यात्रा की शुरुआत जमशेदपुर के डिमना रोड स्थित राजस्थान धर्मशाला से हुई, जहां शहर के विभिन्न इलाकों — कदमा, सोनारी, बिष्टुपुर, साकची और मानगो — से आए कांवरिया एकत्र हुए। इन श्रद्धालुओं ने अपने कंधे पर कांवर लेकर भगवान शिव की भक्ति में डूबे हुए पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ सुल्तानगंज की ओर प्रस्थान किया।
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इस मौके पर राजस्थान धर्मशाला परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था। जब कांवरियों का जुलूस डिमना रोड से निकला तो पूरा रास्ता भगवा रंग में रंग गया। कदमा और बिष्टुपुर के श्रद्धालु रंकिणी मंदिर के पास एकत्र हुए, जबकि सोनारी के कांवरिया भूतनाथ मंदिर में पूजा अर्चना कर मुख्य जत्थे के साथ जुड़ गए।
यात्रा को शुभ, सुरक्षित और सफल बनाने के लिए 11 ब्राह्मण पुरोहितों ने मंत्रोच्चार के साथ विशेष पूजा कर आशीर्वाद दिया। ढोल, डमरू, शंख और मंजीरे की मधुर ध्वनि के साथ कांवरियों की टोली जब रवाना हुई तो माहौल भक्तिमय हो गया।
बाबा बैद्यनाथ सेवा संघ के संस्थापक सदस्य विकास सिंह ने बताया कि यह यात्रा आठवें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। वर्ष 2016 में केवल 151 श्रद्धालुओं के साथ शुरू हुई यह यात्रा आज 1000 से अधिक श्रद्धालुओं तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि यात्रा पूरी तरह निःशुल्क है, जिसमें सभी श्रद्धालुओं के लिए वाहन, भोजन, धर्मशाला, भजन संध्या, स्वास्थ्य सेवाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम की व्यवस्था की गई है।
विकास सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि संसाधनों की सीमा के कारण वह सभी पंजीकरण करवाने वालों को शामिल नहीं कर पाए, जिसके लिए उन्होंने खेद प्रकट किया। हालांकि, उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में और भी ज्यादा श्रद्धालुओं को जोड़ा जाएगा।
यात्रा की योजना इस प्रकार बनाई गई है कि श्रद्धालु सबसे पहले पुरुलिया पहुंचेंगे, जहां रात्रि भोजन की व्यवस्था है। इसके बाद सुल्तानगंज पहुंचकर श्रद्धालु उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरेंगे और वहां से पैदल यात्रा शुरू करेंगे।
यात्रा का पहला पड़ाव असरगंज के धांधी बेलारी धर्मशाला में होगा, जहां रीवा (मध्य प्रदेश) से आए कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद श्रद्धालु अलग-अलग पड़ावों में रुकते हुए बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचेंगे और वहां जलार्पण करेंगे।
इसके पश्चात श्रद्धालु बाबा बासुकीनाथ धाम की ओर प्रस्थान करेंगे, जहां पूजा-अर्चना कर एक सप्ताह बाद वापस जमशेदपुर लौटेंगे।
इस यात्रा में डॉक्टर, नर्स और एंबुलेंस की भी व्यवस्था है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके। सभी श्रद्धालुओं को जरूरी दवाइयाँ भी नि:शुल्क दी जाएंगी।
कार्यक्रम के आयोजन में विकास सिंह (के.के. बिल्डर), विपिन झा, विजय तिवारी, राजेश साहू, प्रो. यू.पी. सिंह, छोटेलाल सिंह, दीपू सिंह, शम्भु त्रिवेदी, मनोज ओझा, संदीप शर्मा, कमलेश सिंह, समीर सुमन, हेमंत सिंह, शिव साहू, अजय लोहार, सर्वजीत तिवारी, सुजीत पांडे, डी. मिश्रा, अमर बहादुर, लीना देवी, सीता देवी, सिद्धेश्वरी देवी, लक्ष्मी देवी, राम अवधेश चौबे, जय राम मिश्रा सहित अनेक लोग उपस्थित रहे और अपनी सेवा दी।
अंत में विकास सिंह ने भावुक होकर कहा,हम सब सेवा तो कर रहे हैं, लेकिन काम सब बाबा बैद्यनाथ ही करा रहे हैं। नाम उन्हीं का हो रहा है। हम तो सिर्फ माध्यम हैं।
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