जमशेदपुर, साकची बाराद्वारी में अतिक्रमण की कोशिश नाकाम, प्रशासन की सख्ती से हटाया गया निर्माण
जमशेदपुर के साकची बाराद्वारी क्षेत्र में अवैध रूप से एक जमीन को घेरकर निर्माण कार्य किए जाने की सूचना ने प्रशासन को सक्रिय कर दिया। यह जमीन गंगा रीजेंसी के बगल में स्थित है, जहां पर कुछ लोगों द्वारा इलाके की घेराबंदी कर टीना शेड और दीवार बना दी गई थी।
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जैसे ही इस बात की जानकारी जमशेदपुर अक्षेस और टाटा स्टील के सुरक्षा विभाग को मिली, तुरंत ही अधिकारी मौके पर पहुंचे और उस घेराबंदी को हटा दिया। मौके पर प्रशासन का एक्शन तेज और सख्त था, जिससे किसी को विरोध करने का मौका नहीं मिला।
कौन कर रहा था घेराबंदी?
प्रशासन को मिली जानकारी के अनुसार, साकची बाराद्वारी में जिस जमीन को घेरने की कोशिश की गई, उसमें भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के अध्यक्ष नीतीश कुशवाहा और उनके कुछ जानने वालों की भूमिका की आशंका जताई गई है।
जब प्रशासनिक टीम और सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंचे, उस समय नीतीश कुशवाहा खुद भी वहां मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने कोई विरोध नहीं किया और प्रशासन ने बिना किसी रुकावट के उस जमीन पर बनाए गए टीना के शेड और चारदीवारी को हटवा दिया।
प्रशासन की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया कि चाहे कोई भी व्यक्ति हो, अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नीतीश कुशवाहा की सफाई
इस मामले में जब नीतीश कुशवाहा से पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उस जमीन से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उनका कहना है कि वह केवल मौके पर पहुंचे थे, और देखने के बाद लोग उनका नाम इस प्रकरण से जोड़ने लगे।
उन्होंने बताया कि विवादित जमीन भुइयांडीह किशोरीनगर में स्थित है और वह हरिनाथ पंडित के नाम पर दर्ज है। इससे पहले इसी जमीन को लेकर सीतारामडेरा थाना में एक मामला दर्ज हो चुका है, जिसमें अखिलेश शर्मा उर्फ बिहारी, अजेन्द्र विश्वकर्मा, पंकज, मनोज मोहंती समेत कई लोगों पर गाली-गलौज, मारपीट और धमकी देने की शिकायत हुई थी।
क्या है जमीन की स्थिति?
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह जमीन लंबे समय से विवादित रही है। जमीन को लेकर कई पक्षों के बीच मतभेद हैं, और पहले भी इस पर विवाद हो चुका है। प्रशासन की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि बिना वैध दस्तावेज या अनुमति के किसी भी तरह का निर्माण अवैध माना जाएगा और उसे तुरंत हटाया जाएगा।
प्रशासन की सख्ती बनी मिसाल
जमशेदपुर प्रशासन और टाटा स्टील की सुरक्षा टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई ने यह संदेश दे दिया है कि शहर में अवैध कब्जा और अतिक्रमण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चाहे कोई भी व्यक्ति हो, नियम सबके लिए एक समान हैं।
निष्कर्ष
यह पूरा मामला न केवल अतिक्रमण के खिलाफ एक मजबूत कदम है, बल्कि यह भी बताता है कि प्रशासन अब सतर्क है और किसी भी अवैध गतिविधि को लेकर शून्य सहनशीलता की नीति अपना रहा है।
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