जादूगोड़ा (झारखंड) – सीआरपीएफ के सासपुर ग्रुप सेंटर, जादूगोड़ा में गुरुवार को झारखंड अंतर एथलेटिक्स प्रतियोगिता की शुरुआत जोश और उमंग के साथ हुई। चार दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता का उद्घाटन झारखंड सेक्टर के डीआईजी डॉ. जयदेव केसरी ने किया। उन्होंने खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन जवानों के लिए शरीर को फिट रखने के साथ-साथ मन को भी ताज़ा रखने में मददगार होते हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से ईमानदारी और खेल भावना के साथ हिस्सा लेने की अपील की।
प्रतियोगिता की पूरी जानकारी:
इस प्रतियोगिता का आयोजन 24 जुलाई से 26 जुलाई 2025 तक किया जा रहा है, जिसमें झारखंड सेक्टर की कुल 10 टीमों के 77 जवान भाग ले रहे हैं। आयोजन का मुख्य उद्देश्य सीआरपीएफ के जवानों को मानसिक और शारीरिक मजबूती के साथ-साथ खेलों के प्रति प्रेरित करना है।
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प्रतियोगिता में होंगी ये 16 खेल स्पर्धाएं:
इस एथलेटिक्स इवेंट में कुल 16 खेलों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें शामिल हैं –100 मीटर दौड़, 200 मीटर दौड़, 400 मीटर दौड़, 800 मीटर दौड़, 1500 मीटर दौड़, 5000 मीटर दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद, ट्रिपल जंप, डिस्कस थ्रो (चक्का फेंक), शॉट पुट (गोला फेंक), 4×100 मीटर रिले दौड़, 110 मीटर बाधा दौड़, 400 मीटर बाधा दौड़, जेवलिन थ्रो (भाला फेंक) और हैमर थ्रो (गदा फेंक)। ये सभी खेल जवानों की शारीरिक क्षमता और सहनशक्ति को दिखाने का मौका देते हैं।
उद्घाटन समारोह में दिखा जोश और प्रेरणा:
उद्घाटन के समय डॉ. जयदेव केसरी ने कहा कि ऑपरेशन जैसी कठिन ड्यूटी निभाने वाले जवान जब खेलों में हिस्सा लेते हैं, तो उन्हें ताज़गी और नया जोश मिलता है। यही जोश उन्हें अपनी ज़िम्मेदारियों को और बेहतर ढंग से निभाने में मदद करता है।
इस मौके पर ग्रुप सेंटर के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इनमें मेडिकल डीआईजी डॉ. उर्मिला, कमांडेंट पंकज सिंह, डॉ. मीना नवीन कुमार, डॉ. नवीन कुमार, डिप्टी कमांडेंट नीरज कुमार और पवन कुमार जैसे अधिकारी शामिल थे। सभी ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया और उन्हें पूरे जोश के साथ अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
खेलों का उद्देश्य और संदेश
इस तरह की खेल प्रतियोगिताएं सिर्फ एक दौड़ या मुकाबला नहीं होतीं, बल्कि ये जवानों के अंदर नई ऊर्जा भरती हैं। रोज़मर्रा की ड्यूटी से अलग हटकर जब जवान खेल के मैदान में उतरते हैं, तो उन्हें तनाव से राहत मिलती है और मन भी खुश रहता है। यह आयोजन उनके आपसी सहयोग, अनुशासन और आत्मविश्वास को मजबूत करता है। ऐसे खेल सिर्फ शरीर को ही नहीं, सोच को भी मजबूत बनाते हैं – जिससे जवान हर चुनौती का डटकर सामना कर सकें।
निष्कर्ष
जादूगोड़ा में चल रही इस प्रतियोगिता से यह साफ हो जाता है कि सीआरपीएफ न केवल देश की सुरक्षा में अग्रणी है, बल्कि अपने जवानों के मानसिक और शारीरिक विकास को लेकर भी उतना ही गंभीर है। आने वाले दिनों में भी इस तरह के आयोजनों से जवानों को और बेहतर मंच मिलेगा।
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