Deoghar Shrawani Mela 2025: बाबा बैद्यनाथ धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, 23 लाख से अधिक कांवरियों ने जल अर्पित किया
देवघर में चल रहे राजकीय श्रावणी मेला, 2025 में इस बार भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने आरएल सर्राफ स्थित अस्थायी मीडिया सेंटर में आयोजित दूसरी साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान मेला की तैयारियों और अब तक की रिपोर्ट साझा की।
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उपायुक्त ने बताया कि 10 जुलाई 2025 से अब तक कुल 23,73,874 श्रद्धालुओं ने बाबा बैद्यनाथ को जल अर्पण किया है। इसके अलावा शीघ्र दर्शनम् कूपन के माध्यम से 64,631 श्रद्धालु बाबा मंदिर पहुंचे।
श्रावणी मेला में सुरक्षा की मजबूत व्यवस्था, हर कोना निगरानी में
श्रावणी मेला को सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए प्रशासन ने हर स्तर पर खास इंतजाम किए हैं। मेला क्षेत्र में अलग-अलग जिम्मेदारियों के साथ 564 अफसर और मजिस्ट्रेट, करीब 9650 पुलिसकर्मी, 4 सीआरपीएफ की यूनिट, 2 वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और एनडीआरएफ की विशेष टीम तैनात की गई है। हर इलाके की कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो।
पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी के लिए 765 सीसीटीवी कैमरे, 200 एआई कैमरे, और 10 ड्रोन कैमरे लगातार काम कर रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की व्यापक व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सेहत का ध्यान रखते हुए मेला क्षेत्र में 34 अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं। अब तक 81 डॉक्टरों और 449 पारा मेडिकल स्टाफ की मदद से 71,795 लोगों का इलाज किया गया है। इनमें से 48,318 पुरुष, 20,416 महिलाएं और 3,061 बच्चे शामिल हैं।
इसके अलावा 24 सामान्य एंबुलेंस, 26 नंबर 108 एंबुलेंस, और 5 मेडिकल जीप की सुविधा भी दी गई है। मेला में 37387 बच्चों को पोलियो की खुराक भी दी गई।
श्रद्धालुओं के लिए आवासन की व्यवस्था
मेला क्षेत्र में 101 स्थानों पर ठहरने की व्यवस्था की गई है। कोठिया टेंट सिटी में 1500 बेड, बाघमारा टेंट सिटी में 350 बेड और आध्यात्मिक भवन में 10,000 श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था है।
श्रद्धा से सजे बाबा मंदिर की आय
11 जुलाई से 22 जुलाई के बीच बाबा मंदिर को 2,39,25,311 रुपये की कुल आय हुई है, जिसमें शीघ्र दर्शनम् कूपन से प्राप्त 1,84,56,840 रुपये भी शामिल हैं। मंदिर के दान काउंटर से 447 चांदी के सिक्के (10 ग्राम) बिके।
24 जुलाई को 18 दानपात्रों को खोला गया जिसमें से 19,59,565 रुपये, 23 ग्राम सोना, 750 ग्राम चांदी और नेपाल की नकदी 6875 रुपये के साथ 1919 का एक चांदी का सिक्का प्राप्त हुआ।
मनोरंजन और सूचना व्यवस्था
श्रद्धालुओं की जानकारी और मनोरंजन हेतु मेला क्षेत्र में 31 सूचना केंद्र, 192 उद्घोषक, 3 बाइक उद्घोषक, और 2 टोटो वाहन लगाए गए हैं। अब तक 24,870 खोये-पाये कांवरियों को निबंधित किया गया है, जिनमें से 36,829 को उनके परिजनों से मिलवाया गया है।
शिवधुन और भक्ति की रंगीन शामें, हजारों श्रद्धालु रोज हो रहे शामिल: श्रावणी मेला में भक्ति और संस्कृति का माहौल बनाए रखने के लिए 6 अलग-अलग मंच बनाए गए हैं। इन मंचों पर रोज शाम को शिवधुन गूंजती है और “चल कांवरिया शिव के धाम” जैसे भावभरे कार्यक्रमों का सुंदर प्रदर्शन होता है। हर दिन यहां करीब 15 से 17 हजार लोग जुटते हैं और इन आयोजनों का आनंद लेते हैं।
टेक्नोलॉजी का उपयोग
- मेला क्षेत्र में वीआर के माध्यम से बाबाधाम की कथा, 2 वाटर प्रोजेक्शन एंड लेजर शो, 2 थ्रीडी मैपिंग शो, और 27 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से वीडियो प्रजेंटेशन की व्यवस्था है।
- ऑनलाइन शिकायतों के समाधान हेतु QR कोड आधारित चैटबॉट से 344 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनका समाधान कर दिया गया है।
- बिजली, सफाई और अन्य विभागों का योगदान
- बिजली विभाग ने 33,94,190 रुपये का राजस्व कमाया है।
- नगर निगम ने अब तक 40,39,000 रुपये का राजस्व संग्रह किया है।
- खाद्य विभाग द्वारा लगातार निरीक्षण और सख्ती की जा रही है।
- श्रावणी मेला के दौरान परिवहन विभाग ने वाहनों से जुड़े टैक्स और राज्य में एंट्री के शुल्क के जरिए अब तक करीब 9 करोड़ 43 लाख रुपये की कमाई की है। इससे साफ है कि आस्था के इस पर्व से प्रशासन को आर्थिक मजबूती भी मिल रही है।
आने वाले सोमवार को भीड़ की संभावना
उपायुक्त ने कहा कि अब भी श्रावण के दो सोमवारी बाकी हैं, जिनमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की संभावना है। इसके लिए सभी विभाग पहले से तैयार हैं।
तीसरी सोमवारी को शिवलोक परिसर में एक बार फिर ड्रोन शो का आयोजन होगा, जो श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण रहेगा।
निष्कर्ष
देवघर का श्रावणी मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, सेवा और प्रशासनिक क्षमता का शानदार उदाहरण बन चुका है। जिस तरह से सरकार, पुलिस, डॉक्टर, स्वयंसेवक और श्रद्धालु मिलकर इस आयोजन को सफल बना रहे हैं, वह पूरे देश के लिए मिसाल है।
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