देवघर : श्रद्धालुओं की सुरक्षा में NDRF की टीम दिन-रात तैनात
झारखंड के देवघर में हर साल श्रावण महीने में लगने वाला राजकीय श्रावणी मेला इस बार भी श्रद्धा और आस्था का बड़ा केंद्र बना हुआ है। लाखों की संख्या में देशभर से श्रद्धालु यहां बाबा बैद्यनाथ धाम में जल अर्पण करने आते हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं।
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इन्हीं तैयारियों के तहत एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम को देवघर में सक्रिय कर दिया गया है। इस टीम में कुल 34 सदस्य हैं, जो पूरे श्रावण मेला के दौरान 24 घंटे श्रद्धालुओं की सेवा में तैनात रहेंगे।
शिवगंगा में खास निगरानी, गहराई में खतरे की आशंकाश्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ शिवगंगा सरोवर में देखने को मिलती है। यह सरोवर गहरा है और इसमें किसी भी अनहोनी की आशंका बनी रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए NDRF की टीम मोटर बोट के जरिए चौबीसों घंटे निगरानी कर रही है।
टीम के सदस्य न सिर्फ सरोवर की सतह पर नजर रख रहे हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर पानी में उतरने वाले गोताखोर भी हर समय तैयार हैं।
अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है टीमएनडीआरएफ की यह टीम आधुनिक सुरक्षा उपकरणों से पूरी तरह सुसज्जित है। इनमें शामिल हैं;
- नई रबड़ की नौका (रबर बोट)
- लाइफ जैकेट्स (जीवन रक्षक जैकेट)
- प्रशिक्षित गोताखोरों की टीम
- मेडिकल किट (चिकित्सा उपकरण)
- अन्य आपदा राहत सामग्री
एनडीआरएफ के सभी जवानों को उनके तय किए गए स्थानों पर तैनात किया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
मेडिकल टीम भी पूरी तरह मुस्तैद
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए देवघर के उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश पर मंदिर प्रांगण में एनडीआरएफ की मेडिकल टीम को भी तैनात किया गया है।
इस टीम में डॉक्टर, नर्सिंग असिस्टेंट और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद हैं, जो लगातार श्रद्धालुओं की सेवा और देखभाल कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा, प्रशासन की प्राथमिकता
शिवगंगा से लेकर मंदिर परिसर तक किसी भी आपदा या आपात स्थिति से निपटने के लिए NDRF की टीम पूरी तरह तैयार है। हर अधिकारी और जवान अपने कर्तव्यों के प्रति सजग है।
श्रावणी मेले जैसे विशाल आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने में एनडीआरएफ की भूमिका अहम और भरोसेमंद मानी जाती है।
निष्कर्ष
देवघर का श्रावणी मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सुरक्षा और सेवा की मिसाल भी है। एनडीआरएफ की 24 घंटे की तैनाती इस बात का प्रमाण है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
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